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विज्ञान
कोरोना के कारण 42 फीसदी बच्चे अवसाद के शिकार, अध्ययन के बाद हुआ दावा
Tara Tandi
6 July 2021 8:07 AM GMT
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कोरोना महामारी और क्वारंटाइन नियमों के वजह से बच्चों के मानसिक स्वस्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना महामारी और क्वारंटाइन नियमों के वजह से बच्चों के मानसिक स्वस्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। हाल यह है कि कोरोना महामारी की वजह से 41.7 फीसदी बच्चे अवसाद का शिकार हुए हैं और वहीं 79.4 फीसदी बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। एम्स के डॉक्टरों ने बच्चों और हुए अलग अलग 15 शोध के विश्लेषण के अध्ययन के बाद यह दावा किया है। इन शोध में 22,996 बच्चों को शामिल किया गया था।
इस विश्लेषण वाले अध्ययन की सहलेखक और एम्स की बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर शेफाली गुलाटी ने बताया कि बच्चों पर महामारी के बड़े मानसिक दुष्प्रभाव दिखाई दिए हैं। अध्ययन में शामिल 34.5 % बच्चों में तनाव के लक्षण देखे गए। 41.7% बच्चे अवसाद से पीड़ित थे, वहीं 42.3% बच्चों में चिड़चिड़ापन और 30.8% बच्चों में ध्यान न लगने की समस्या जैसे गम्भीर लक्षण देखे गए।
22 फीसदी बच्चों को कोरोना से भय लगा
कोरोना महामारी में अपनों को खो देने का डर, परिवार की आर्थिक स्थिति, परिजनों की नौकरी जाने और बीमार पड़ जाने का डर भी बच्चों में साफ देखा गया। अध्ययन में शामिल 79.4% बच्चों पर महामारी और क्वारंटाइन का नकारात्मक प्रभाव पड़ा और 22.5% को कोरोना की वजह से काफी डर लगा। डॉक्टर शेफाली गुलाटी का कहना है कि बच्चों और किशोरों दोनों में कोरोना का भय अधिक देखा गया। इस शोध में यह भी पता चला कि 35.2% बच्चों की नींद खराब हो गई और नींद न आने जैसी समस्या हो गई।
एनसीआर से और
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मनोचिकित्सकों ने चिंता जताई
कोरोना महमहारी के बच्चों पर पड़े असर को लेकर डॉक्टरों ने भी चिंता जताई है। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के डॉक्टर जसवंत जांगड़ा ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा है कि परिजनों को बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत और स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों में कई दिनों तक अकेले रहने, ज्यादा सोने या बिल्कुल न सोने, खाना कम खाने या अधिक खाने, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो वे बच्चों से बात करें और उनकी काउंसलिंग करें। लक्षण ज्यादा फिन तक रहते हैं तो मनोचिकित्सक की सलाह लें।
कोरोना महामारी का बच्चों पर यह असर देखा गया
34.5 % बच्चे तनाव के शिकार
41.7% बच्चे अवसाद
42.3% बच्चे चिड़चिड़ापन
30.8% बच्चे ध्यान न लगने की समस्या से पीड़ित हुए
79.4% बच्चों पर महामारी और क्वारंटाइन का नकारात्मक प्रभाव पड़ा
22.5% को कोरोना की वजह से काफी भय लगा
35.2% बच्चों की नींद खराब हो गई और नींद न आने जैसी समस्या हो गई
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