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पृथ्वी के क्रस्ट का 400 करोड़ साल पुराना टुकड़ा मिला, लेजर तकनीक से की गई खोज

HARRY
11 July 2022 3:51 PM GMT
पृथ्वी के क्रस्ट का 400 करोड़ साल पुराना टुकड़ा मिला, लेजर तकनीक से की गई खोज
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ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी (Curtin University) के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के क्रस्ट का करीब 400 करोड़ साल पुराना टुकड़ा खोजा है, जो दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया (Western Australia) के दक्षिण-पश्चिम हिस्से के नीचे स्थित है. समुद्र तट की रेत से निकाले गए खनिज के छोटे दाने पर, बाल से भी पतली लेजर फायरिंग करके इसे खोजा गया है. एक नई खोज से इस ग्रह के विकास की जानकारी मिलती है कि कैसे एक निर्जन ग्रह रहने योग्य बना.

मुख्य शोधकर्ता मैक्सिमिलियन ड्रोलेनर (Maximilian Droellner) का कहना है कि लेजर का इस्तेमाल जिक्रोन (Zircon) मिनरल के अलग-अलग दानों को वाष्पीकृत करने के लिए किया गया था. इस तकनीक को लेजर एब्लेशन स्प्लिट स्ट्रीम-इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा-मास स्पेक्ट्रोमेट्री के रूप में जाना जाता है, इस तरीके से वैज्ञानिक यह पता लगा सकते हैं कि दाने कितने पुराने हैं और दूसरे दानों के साथ तुलना भी कर सकते हैं. इससे उन्हें पता चला कि ये दाने मूल रूप से कहां से नष्ट हो गए थे. साथ ही, इससे इलाके का भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में भी पता चला.
खोजा गया 400 करोड़ साल पुराना क्रस्ट (सांकेतिक फोटो: martins krastins/Pexels)
ड्रोलेनर का कहना है कि पृथ्वी के क्रस्ट के इस टुकड़े का आकार आयरलैंड के आकार के बराबर है. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का सबूत मिला है कि 400 करोड़ साल पुराना यह टुकड़ा, करोड़ों साल से दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के भूवैज्ञानिक विकास को प्रभावित कर रहा है. साथ ही, वहां बनी चट्टानों के बनने में इसकी अहम भूमिका रही है.
टेरा नोवा (Terra Nova) जर्नल में प्रकाशित हुए शोध के मुताबिक, इस शोध से पता चलता है कि 400 करोड़ा साल पहले, पृथ्वी के विकास में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ था, क्योंकि उल्कापिंडों की बमबारी कम हो गई थी, क्रस्ट स्थिर हो गया और पृथ्वी पर जीवन स्थापित होना शुरू हो गया था.
वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले कभी इस क्षेत्र का बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं किया गया. मौजूदा आंकड़ों से तुलना करने पर बहुत अच्छे नतीजे मिले हैं.
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