विज्ञान

2020 में ऊदबिलावों से 4 लोग हुए संक्रमित, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

Rani Sahu
22 April 2022 6:08 PM GMT
2020 में ऊदबिलावों से 4 लोग हुए संक्रमित, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
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कोरोना महामारी के दो साल गुजर जाने के बाद अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने एक बड़ा खुलासा किया है

कोरोना महामारी के दो साल गुजर जाने के बाद अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने एक बड़ा खुलासा किया है। CDC को जानवरों से इंसानों में कोरोना वायरस ट्रांसफर होने के सबूत मिले हैं। एजेंसी के मुताबिक, कोरोना का एक वैरिएंट साल 2020 में ऊदबिलाव (मिंक) से कम से कम 4 अमेरिकी लोगों में फैला था।

क्या कहता है CDC?
CDC के अनुसार, 4 मरीजों में से 2 मरीज मिशिगन के एक मिंक फार्म पर काम करते थे। इस फार्म में अक्टूबर 2020 में कोरोना विस्फोट हुआ था। वहीं बाकी 2 मरीज किसी भी तरह से ऊदबिलाव के संपर्क में नहीं आए थे।
इन चारों मामलों से ये पता चलता है कि उस समय ऊदबिलावों से इंसानों में कोरोना का एक वैरिएंट फैल चुका था, जिसकी चपेट में वो लोग भी आ रहे थे जिनका इन जानवरों से कोई लेना-देना नहीं था। ये अमेरिका में जानवर से इंसान में कोरोना फैलने का पहला पुख्ता सबूत है।
ऊदबिलाव में वायरस के दो म्यूटेशंस हुए
न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में CDC के वन हेल्थ ऑफिस की डायरेक्टर केसी बार्टन बेहरावेश ने बताया कि चारों कोरोना मरीजों में वायरस के दो म्यूटेशंस पाए गए। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस में ये बदलाव ऊदबिलाव से ही आए हैं। हालांकि, फिलहाल ये बता पाना मुश्किल है कि म्यूटेटेड वायरस मिशिगन के मिंक फार्म में ईजाद हुआ या फिर कहीं और से लोगों में फैला।
यूरोप, डेनमार्क, नीदरलैंड्स में भी मिले मामले
बेहरावेश कहती हैं कि मिंक फार्म पर काम करने वाले तब पॉजिटिव पाए गए थे, जब वहां के ऊदबिलाव कोरोना से गंभीर रूप से बीमार होकर मर रहे थे। ऐसे ही मामले यूरोप, डेनमार्क और नीदरलैंड्स में भी देखे गए हैं। इससे ये हाइपोथेसिस मजबूत होता है कि ऊदबिलावों से ही वायरस इंसानों में पहुंचा।
इससे पहले चूहों पर हुई थी चर्चा
साल 2021 के आखिर में चीनी वैज्ञानिक भी जानवरों से इंसानों में कोरोना के ट्रांसफर होने का दावा कर चुके हैं। उनके मुताबिक, कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट चूहों में म्यूटेट होकर इंसानों में फैला है।
जांच में ये बात सामने आई थी कि ओमिक्रॉन में मिलने वाले म्यूटेशंस चूहों में वायरस के म्यूटेशंस से मिलते-जुलते हैं। साथ ही, ओमिक्रॉन के म्यूटेशंस चूहों के शारीरिक वातावरण के अनुकूल हैं। यानी, ओमिक्रॉन वैरिएंट चूहों के शरीर में आसानी से जीवित रह सकता है। जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के इस कॉन्सेप्ट को 'होस्ट जंपिंग' कहा जाता है।
जानवरों से इंसानों में फैल चुकीं कई बीमारियां
दुनिया में कई प्रकार के कोरोना वायरस हैं, जिनमें से एक SARS-CoV-2 है। यही कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, MERS-CoV और SARS-CoV वायरस भी इसी फैमिली का हिस्सा हैं। ये दोनों ही वायरस जानवरों से इंसानों में ट्रांसफर हुए थे। जहां MERS-CoV ऊंटों से इंसानों में फैला था, वहीं SARS-CoV सिवेट बिल्लियों से इंसानों में आया था।
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