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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मरीज की कोशिका (Cells) लेकर उसके लिए नया थ्रीडी प्रिंटेड अंग बनाया गया हो. अमेरिका में एक कंपनी है, जिसका नाम है 3डीबायो थेराप्यूटिक्स (3DBio Therapeutics). इसके वैज्ञानिकों ने 20 वर्षीय महिला की कोशिकाओं से उसके लिए नया 3D प्रिंटेड कान बना दिया. इस ट्रांसप्लांट की घोषणा 2 जून 2022 यानी कल ही हुई है.
कार्नेगी मेलन में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग रिसर्चर एडम फीनबर्ग ने कहा कि ये एक बड़ा काम हुआ है. एडम इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हैं लेकिन वो इस चीज के एक्सपर्ट हैं. एडम ने कहा कि अब यह तकनीक आशंकाओं पर नहीं बल्कि पुख्ता तौर पर इंसानी शरीर में उपयोग की जाएगी.
That's pretty incredible. https://t.co/VCuCtApqTy
— Futurism (@futurism) June 2, 2022
जन्म से छोटा और निष्क्रिय था कान
जिस महिला को उसकी कोशिका से बनाया गया थ्रीडी प्रिंटेड कान लगाया गया है, उसका दाहिना कान पैदा होते समय ही छोटा और निष्क्रिय था. ऐसा एक खास तरह की दुर्लभ कोजेनिटल बीमारी माइक्रोशिया (Microtia) की वजह से हुआ था. यह क्लीनिकल ट्रायल इस साल के शुरुआत में शुरु किया गया था. इसके बाद उस महिला को कान लगाया गया. अब यह कान लगातार विकास कर रहा है. इसके ऊतक यानी टिश्यू सही आकार में बढ़ रहे हैं.
शरीर से ली गई थीं आधा ग्राम कोशिकाएं
एडम ने कहा ये घटना सच में पहली बार हुई है कि जीवित कोशिकाओं और ऊतकों से बनाया गया थ्रीडी प्रिंटेड इंप्लांट किसी इंसान के जीवित शरीर में लगाया गया है. वह भी इतनी सफलता के साथ. इस कान को बनाने वाली कंपनी ने कहा कि उन्होंने महिला के शरीर से आधा ग्राम कोशिकाएं ली थीं. उसके बाद उन्हें लैब में विकसित किया गया है. इसके बाद 'बायो-इंक' नाम के थ्रीडी प्रिंटर से कान को कोशिका और कोलैजन के साथ विकसित किया गया.
बिना कान वाले मरीजों के लिए चमत्कार
3डीबायो थेराप्यूटिक्स (3DBio Therapeutics) के सीईओ डैनियर कोहेन ने NYT को बताया कि हमने मरीज की बायोप्सी की. उसके बाद हम यह जीवित थ्रीडी प्रिंटेड कान बनाने में सफल हो पाए. इस सर्जरी को करने वाले सर्जन अरतुरो बोनिला ने बताया कि मैंने हजारों बच्चों के माइक्रोशिया को ठीक किया है. लेकिन पहली बार मैंने ऐसी तकनीक देखी. जब मुझे यह सर्जरी करने को कही गई तो मैं तुरंत तैयार हो गया. इस तकनीक से माइक्रोशिया से पीड़ित मरीजों और उनके परिवारों को बहुत राहत मिलेगी.
कंपनी ने साझा नहीं की तकनीकी जानकारी
डॉ. अरतुरो बोनिला ने कहा कि इस स्टडी के साथ-साथ हमें ऐसे सर्जरी से संबंधी सुरक्षात्मक और नैतिक प्रक्रियाओं को सीखने का भी मौका मिलेगा. इसके अलावा मरीज के शरीर से टिश्यू या कार्टिलेज कोशिका लेकर नए अंग विकसित करने का मौका भी मिलेगा. फिलहाल कंपनी के इस प्रोसीजर के संघीय एजेंसियां जांच कर रही हैं, इसलिए कंपनी इस सर्जरी और कान विकसित करने की तकनीकी जानकारी शेयर नहीं कर रही है.
अब ये होगा भविष्य...
3डीबायो थेराप्यूटिक्स (3DBio Therapeutics) भविष्य में इसी तकनीक का उपयोग करके शरीर के अन्य अंगों का भी निर्माण करेगी. जैसे- स्पाइनल डिस्क, नाक और रोटेटर कफ्स आदि. शरीर के अन्य जटिल अंगों का थ्रीडी प्रिंट निकालना तो फिलहाल मुश्किल है, लेकिन कॉस्मेटिक सर्जरी में यह काम किया जा सकता है