विज्ञान

23 करोड़ साल पहले महाविशाल ज्वालामुखी विस्फोट, मेगामॉनसून...धरती पर कैसे बढ़े डायनोसोर?

Rani Sahu
28 Sep 2021 5:56 PM GMT
23 करोड़ साल पहले महाविशाल ज्वालामुखी विस्फोट, मेगामॉनसून...धरती पर कैसे बढ़े डायनोसोर?
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धरती से डायनोसोर गायब कैसे हुए, इसकी तो काफी चर्चा होती है लेकिन एक नई स्टडी में बताया गया है

धरती से डायनोसोर गायब कैसे हुए, इसकी तो काफी चर्चा होती है लेकिन एक नई स्टडी में बताया गया है कि ये विकसित कैसे हुए। इसके मुताबिक करीब 23 करोड़ साल पहले महाविशाल ज्वालामुखी विस्फोट और महामॉनसून की मदद से धरती पर डायनोसोर्स का विकास हुआ। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में रिसर्चर्स ने तलछट और पौधों के जीवाश्म का अनैलेसिस किया जो उन्हें चीन के जियाउन बेसिन की एक झील में मिले थे।

बढ़ने लगी थीं ग्रीनहाउस गैसें
केमिकल सबूतों के आधार पर माना जा रहा है कि ज्वालमुखी के फटने की घटनाएं पर्यावरण में होने वाले बदलावों से जुड़ी थीं। यह Carnian Pluvial Episode था जो करीब 23.4 से 23.2 करोड़ साल पहले के बीच हुआ था। इसके बाद महाद्वीप एक-दूसरे से अलग हुए थे। इस दौरान मेगा-मॉनसून भारी बारिश लाते थे और वैश्विक तापमान और आद्रता भी बढ़ गई थी क्योंकि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन बढ़ने लगा था।
बदल रहा था पर्यावरण
रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने कहा है कि महाविशाल ज्वालामुखी विस्फोट, जलवायु परिवर्तन, पौधों और जीवों की विलुप्ति सब एक साथ चल रहा था लेकिन डायनोसोर पनप रहे थे। इस दौरान कोन वाले पौधे बढ़ रहे थे। झीलें गहरा रही थीं। रिसर्चर्स के मुताबिक इस दौरान सूखते पर्यावरण से खास पौधों और ऐसे तापमान में रहने वाले जानवरों को मदद मिलती गई।
पारे की मात्रा बढ़ी
नई रिसर्च में CPE के दौरान हुए बदलावों को बड़े स्तर पर ज्वालामुखी के विस्फोटों से जोड़ा गया है। ये करीब 20 लाख साल तक चले होंगे। हर विस्फोट के साथ कार्बन साइकल पर असर पड़ता होगा और जलवायु परिवर्तन होता होगा। इस दौरान मरकरी (पारे) की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाया करती थी जो जमीन के रास्ते पानी में मिल जाता था।


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