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पृथ्वी पर अब तक का सबसे पुराना पानी खोजा गया है
World Oldest Water: पृथ्वी पर अब तक का सबसे पुराना पानी खोजा गया है. इस पानी को लेकर बताया गया है कि ये 160 करोड़ साल पुराना है. टोरंटो यूनिवर्सिटी (University of Toronto) के आइसोटोप जियोकेमिस्ट्री की भू-रसायनविद डॉ बारबरा शेरवुड लोलर (Dr Barbara Sherwood Lollar) ने इस पानी की खोज की है. फिलहाल इस पानी को साइंस एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम में संभाल कर रखा गया है.
डॉ बारबरा शेरवुड लोलर ने बताया कि इस पानी से मंगल समेत सौर मंडल में मौजूद अन्य ग्रहों पर जीवन की मौजूदगी के सबूत मिल सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पानी का स्वाद बेहद ही खारा है. समुद्री जल की तुलना में ये पानी 10 गुना ज्यादा नमकीन है. डॉ बारबरा ने बताया कि 1992 में वह ओंटारियों के उत्तर में स्थित टिमिंस नामक जगह पर मौजूद एक खान में गई थीं. यहीं पर उन्हें ये पानी मिला था. इस पानी की खोज किड्ड क्रीक में माइक्रोबियल लाइफ होने का सबूत पेश करती है. उन्होंने कहा कि ये पृथ्वी के भीतरी सतहों में मौजूद जीवन को भी उजागर कर सकता है.
वैज्ञानिकों को पानी में क्या मिला है?
इस अत्यधिक खाने पानी की जांच से एक बड़ी खोज सामने आई है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि सबसे चरम परिवेश में पनपने वाले केमोलाइटिथ्रोफिक माइक्रोब्स बैक्टीरिया इस पानी में जीवित रहने में सक्षम रहे थे. उन्होंने बताया कि ये माइक्रोब्स नाइट्रोजन और सल्फेट के बूते जीवित रहे होंगे. ये दोनों ही तत्व समुद्र की तली में पाए जाते हैं, जहां इस तरह के जीवों को पाया जाता है. इस पानी की खोज से पता चला कि किड्ड क्रीक खान पहले समुद्र का तल रही होगी.
इस पानी की खोज का मंगल ग्रह से क्या है लेना?
वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस कनैडियन शील्ड पर ये खान मौजूद है, जो मंगल ग्रह के सतह से काफी मेल खाता है. उन्होंने तर्क दिया कि अगर पृथ्वी के 2.4 किलोमीटर नीचे जीवन को बरकरार रखने वाला पानी मौजूद रह सकता है, तो इस बात की भी पूरी संभावना है कि ऐसा लाल ग्रह पर भी हो सकता है. इससे NASA के परसिवरेंस रोवर द्वारा मंगल पर किए जा रहे जीवन के तलाश को बल मिलने की संभावना है.
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