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धर्म-अध्यात्म
राशि परिवर्तन: मेष राशि में हुआ सूर्य का प्रवेश, जानें क्या होगा देश-दुनिया और कोरोना पर असर
Deepa Sahu
15 April 2021 11:42 AM GMT
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राशि परिवर्तन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: 14 अप्रैल को 2 बजकर 33 मिनट पर मध्य रात्रि में सूर्य का प्रवेश मेष राशि में हुआ है। मेदिनी ज्योतिष में मेष राशि में सूर्य का प्रवेश काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन के वार स्वामी को वर्ष का मंत्री होने का विभाग प्राप्त होता है। सूर्य का इस वर्ष मंगलवार के दिन मेष राशि में प्रवेश हुआ है इसलिए इस वर्ष के मंत्री मंगल ग्रह हुए हैं जो कि एक क्रूर ग्रह कहे जाते हैं। भविष्यफल भास्कर के अनुसार मेष संक्रांति यदि मंगलवार को आए तो अन्न का भाव तेज़ होगा विशेषकर गेहूं और चना महंगा होगा। मेष राशि में सूर्य के गोचर के समय 30 दिन के भीतर फल, रुई (कपास), ईख (गन्ना और चीनी), तिल व तेल (खाद्य तेल) आदि सब वस्तुएं महंगी हो जाती हैं ऐसा भविष्यफल भास्कर और वर्ष प्रबोध नाम के ग्रंथों में कहा गया है।
सूर्य गोचरमेष संक्रांति के दिन मंगल का राशि परिवर्तन, यह परिणाम
इस वर्ष संयोग से मेष संक्रांति के दिन मंगल का भी राशि परिवर्तन हुआ है। ग्रहों के राजा सूर्य मीन राशि को छोड़ मेष में प्रवेश कर चुके हैं। ठीक इसी दिन सेनापति मंगल वृष राशि को पीछे छोड़ मिथुन राशि में आए हैं। मंगल के राहु की युति छोड़ कर मिथुन राशि में चले आने से गर्मी तेज़ी से बढ़ेगी तथा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप में कुछ कमी आएगी। मिथुन राशि का प्रभाव क्षेत्र बंगाल है जहां मंगल के आने से अगले 45 दिनों में बड़ी राजनीतिक उठा-पठक के बीच कुछ अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। मेष संक्रंति की कुंडली मकर लग्न की बन रही है जहां शनि विराजमान हैं जिनपर विवादों के स्थान यानी छठे घर से मंगल की आठवीं दृष्टि पड़ रही है। सूर्य के साथ स्त्री कारक ग्रहों चन्द्रमा और शुक्र के युत होने के चलते महिलाओं को लेकर अपराध और विवाद दोनों में कुछ वृद्धि हो सकती है।
क्या होगा जब मिलेंगे सूर्य बुध मेष राशि में
राज-सत्ता स्थान यानी दशम भाव पर गुरु, सूर्य, चंद्रमा और शुक्र की दृष्टि के चलते केंद्र सरकार अगले माह महंगाई कम करने को लेकर कुछ सकारात्मक कदम उठा सकती है। 16 अप्रैल से मेष राशि में सूर्य बुध के गोचर होने से मध्य, दक्षिण और पश्चिम भारत में गर्मी तेज़ी से बढ़ेगी। संक्रांति कुंडली में सूर्य के चतुर्थ भाव में होने से रबी की फसलों जैसे गेहूं, जौ, सरसों, तिल आदि की रिकॉर्ड पैदावार होगी।
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