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धर्म-अध्यात्म
कम उम्र, ग्लैमरस अंदाज, लाखों में फीस, प्रवचन में भारी भीड़
Manish Sahu
28 July 2023 1:06 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: जानी-मानी कथावाचक और मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने आखिर कैसे कम समय में इतनी कामयाबी हासिल की, उनके जीवन से जुड़े बड़े राज जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
कथा-प्रवचन की दुनिया में जया किशोरी एक ऐसा नाम हैं, जिनकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है. खबरों की खबर हो या फिर सोशल मीडिया का प्लेटफार्म, हर जगह आपको उनका जिक्र होता हुआ मिल जाएगा. उनके प्रवचन में जहां सैकड़ों-हजारों लोगों की भीड़ होती है तो वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें फालो करने वाले भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. कारण उनमें वह सभी योग्यता है जो एक प्रवचनकर्ता को आम लोगों के बीच में लोकप्रिय बनाती है. मसलन, बेहद आकर्षक दिखने वाली जया किशोरी जितनी अच्छी तरह से अपनी कथा में धर्म और अध्यात्म की चर्चा करती हैं, उतना ही मधुर आवाज में वो भजन भी गाती हैं. यही कारण है कि उनके गाए भजन आज लोगों की जुबांं पर हमेशा बने रहते हैं. आइए ग्लैमर और ज्ञान का कंबीनेशन लिए इस युवा कथावाचक के जीवन से जुड़े बड़े राज जानते हैं.
धर्म जगत में बहुत कम समय में बड़ा नाम कमाने वाली जया किशोरी के बारे में मान्यता है कि इस ओर उनका झुकाव सात साल की उम्र में हो गया था. हिंदू कथावाचक जया किशोरी एक ब्राह्मण परिवार से हैं और उनका बचपन पूरी तरह से आध्यात्मिक वातावरण में बीता है. मान्यता है कि उन्होंने महज 9 साल की उम्र में संस्कृत के कठिन मंत्रों और स्तोत्र का पाठ कंठस्थ कर लिया था. महज 10 साल की उम्र में उन्होंने सुंदकांड गाकर अपनी पहचान बना ली थी. मान्यता है कि कथा-प्रवचन के साथ उनमें कीर्तन-भजन का गुण उनकी दादी के सान्निध्य में विकसित हुआ.
सत्संग संग सूरत की भी होती है खूब चर्चा
जिस जया किशोरी को उनके भक्त इक्कीसवीं सदी की मीरा कहकर बुलाते हैं, उनके सत्संग के साथ उनकी सूरत की चर्चा भी खूब होती है. बेहद सौम्य और खूबसूरती में बॉलीवुड की तमाम बड़ी हीरोइनों को टक्कर देने वाली इस कथावाचक का नाम बीच में बागेश्वर धाम के साथ विवाह होने को लेकर जोड़ा जाने लगा था, जिसे खुद बाबा बागेश्वर ने अफवाह बताया था। हालांकि जया किशोरी अभी तक अविवाहित हैं और उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कोलकाता में ही भविष्य में विवाह करने की बात कही है.
खुद को बताती है मोटिवेशनल स्पीकर
तमाम मंचों के माध्यम से ईश्वर के तमाम रूपों का गुणगान और उनकी कथा-कहानी बताने वालों को अक्सर उनके फॉलोवर उन्हें भगवान का दर्जा देते-देते एक समय उन्हें भगवान ही मानने लगते हैं, लेकिन इससे अलग जया किशोरी खुद को किसी सन्यासिनी या चमत्कारी साधु महिला कहलाने की बजाय खुद को एक सामान्य लड़की बताती हैं. दरअसल, हिंदू धर्म से जुड़े तमाम प्रवचनकर्ताओं में दो तरह के कथावाचक हैं, जिनमें से कुछ सन्यास की परंपरा से जुड़े हुए हैं तो कुछ खुद को सद्गृहस्थ संत कहते हैं. हालांकि जया किशोरी खुद को इन सबसे अलग एक सामान्य लड़की बताती हैं जो अपनी कथाओं के जरिए लोगों को मोटिवेट करने का काम करती है.
कैसे जुड़ा जया संग किशोरी नाम
लोकप्रिय प्रवचनकर्ता जया किशोरी के प्रवचन की कला अपने गुरु पंडित गोविंदराम मिश्र से हासिल किया. कहते हैं कि जया अक्सर कान्हा की भक्ति में लीन रहा करती थीं, जिसके कारण उनके गुरु ने उन्हें किशोरी की उपाधि दे दी. इसके बाद आज देश-दुनिया में उन्हें इसी नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि वह अपनी कथा और भजन आदि के लिए कड़ी मेहनत और अध्ययन करती हैं.
कहां रहता है जया किशोरी का परिवार
बहुत ही सादगी से रहने वाली जया किशोरी जी का जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ गाँव में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा कोलकाता में हुई, जहां पर वर्तमान में उनका परिवार रहता है. जया किशोरी ने बीकाम तक की पढ़ाई की है. उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और माता का नाम सोनिया शर्मा है. उनके अलावा छोटी बहन चेतना शर्मा भी शामिल हैं. जया किशोरी अभी तक अविवाहित हैं.
कथा के लिए कितना लेती हैं फीस
देश के बड़े कथा वाचकों में शुमार करने वाली जया किशोरी भी तमाम कथावाचकों की तरह हर जगह अपने प्रवचन और कथा के लिए शुल्क लेती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वे किसी भी कथा के लिए कम 10 लाख रूपये फीस लेती हैं. जिसे आयोजन कराने वाली संस्था या व्यक्ति को उपलब्ध कराना होता है.
झोली में गिर चुके हैं ये बड़े पुरस्कार
जया किशोरी को धर्म-अध्यात्म के क्षेत्र में बड़े योगदान को देखते हुए ‘आदर्श युवा आध्यात्मिक गुरु पुरस्कार, समाज रत्न अवार्ड, आइकॉनिक वुमेन मोटिवेशनल स्पीकर आफ द ईयर 2021, बेस्ट मोटिवेशनल स्पीकर 2021, आदि पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
Manish Sahu
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