धर्म-अध्यात्म

चंद्रमा में दाग होने का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप

HARRY
5 Jun 2023 6:56 PM GMT
चंद्रमा में दाग होने का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप
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देवता उन्हें पाने की इच्छा रखते थे।

रामायण | अहिल्या ब्रह्मा जी की मानस पुत्री थीं। सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी ने एक स्त्री का निर्माण किया जिन्हें वे अहिल्या के नाम से पुकारते थे। अहिल्या अत्यंत रूपवान थी तथा उन्हें यह वरदान प्राप्त था कि उनका यौवन सदा बना रहेगा। उनकी सुंदरता के सामने स्वर्ग लोक की अप्सराएं भी फीकी नजर आती थीं। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी देवता उन्हें पाने की इच्छा रखते थे।

ब्रह्मा जी ने अहिल्या की शादी के लिए एक परीक्षा का आयोजन किया जिसके विजेता से वह अहिल्या की शादी रचना चाहते थे। सभी देवताओं को निमंत्रण दिया गया। सभी देवता उस परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। महर्षि गौतम ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की इसी कारण अहिल्या का विवाह विधिपूर्वक महर्षि गौतम के साथ हुआ।

इंद्र देव अहिल्या की सुंदरता पर अत्यधिक मोहित हुए। एक दिन इच्छा के वशीभूत इंद्र देव पृथ्वी लोक में अहिल्या से मिलने चले आए। महर्षि गौतम के रहते इंद्र देव कोई दु:साहस न कर सके।

इंद्र देव ने अहिल्या से मिलने के लिए एक योजना बनाई तथा चंद्रमा उस योजना में शामिल किया कि जब महर्षि गौतम प्रात:काल गंगा स्नान के लिए जाएंगे तो उस समय का लाभ उठाकर वह अहिल्या को प्राप्त कर लेंगे।

योजना के अनुसार चंद्र देव ने अर्धरात्रि को मुर्गे की बांग दी। गौतम महर्षि समझे कि सवेरा हो चला है। वह तुरंत उठे तथा गंगा तट पर स्नान करने चले गए।

महर्षि गौतम के जाते ही इंद्र देव ने गौतम महर्षि का रूप धारण कर घर में प्रवेश किया तथा पहरेदारी के लिए चंदमा को घर के बाहर बैठा दिया। ऋषि गौतम जब गंगा तट पर पहुंचे तो उन्हें अलग ही आभास हुआ तथा उनके मन में संदेह भी उत्पन्न हुआ। तब गंगा मैया ने प्रकट होकर महर्षि को बतलाया कि यह सब इंद्र देव का बुना जाल है। अहिल्या की सुंदरता से मोहित होकर कुकृत्य की भावना से इंद्र पृथ्वीलोक पर आए हैं।

यह सुन कर क्रोधित महर्षि गौतम तेजी से अपनी कुटिया की तरफ आए। जब उन्होंने कुटिया के बाहर चंद्रमा को बैठे देखा तो गुस्से में महर्षि गौतम ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि राहू की कुदृष्टि तुम पर सदा बनी रहेगी। इसी श्राप के कारण चंद्रमा को ग्रहण लगता है। गुस्से से लाल-पीले महर्षि गौतम ने अपने कमंडल से चंद्रमा पर प्रहार किया। इसी कारण चंद्रमा में दाग है।

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