धर्म-अध्यात्म

आप भी जरूर पढ़ें भगवान बुद्ध से जुड़ी ये प्रेरक कथा

Ritisha Jaiswal
9 April 2021 8:11 AM GMT
आप भी जरूर पढ़ें भगवान बुद्ध से जुड़ी ये प्रेरक कथा
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प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कुछ लक्ष्यों को निर्धारित करता है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कुछ लक्ष्यों को निर्धारित करता है, जिससे वह अपनी योग्यता और अपनी प्रगति की परख करता है। यदि लक्ष्य हासिल नहीं होते हैं तो वह अपनी कमियों को देखता है, उसमें सुधार करता है और फिर उन लक्ष्यों को हासिल करने की ​कोशिश करता है। कई लोग अपने लिए लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं और उसको पाने के लिए रणनीति भी बनाते हैं लेकिन वे असफल होते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम भगवान बुद्ध से जुड़ी एक प्रेरक घटना के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आपके लिए एक संदेश है।

भगवान बुद्ध को जब ज्ञान की प्राप्ति हो गई, तो फिर वे संसार को उस ज्ञान से आलोकित करने निकल पड़ें। भगवान बुद्ध किसी गांव में जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रतिदिन व्याख्यान देते। उनके प्रवचनों में जीवन का सार छिपा रहता। उनकी बातों को लोग बहुत ही गौर से सुनते थे। एक व्यक्ति बिना नागा किए उनके व्याख्यान सुनता।
काफी समय बीत जाने के बाद भी उसने अपने अंदर कोई विशेष बदलाव नहीं पाया है। इससे परेशान होकर वह एक दिन बुद्ध के पास गया और बोला कि वह लंबे समय से एक अच्छा इंसान बनने के लिए उनके प्रवचनों को सुनता रहा है। लेकिन इससे उसे कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। वह एक अच्छा इंसान नहीं बन पाया। उसमें कोई बदलाव नहीं आया है।

उसकी बातों को सुनकर बुद्ध मुस्कुराए। उन्होंने उसके सामने उसके गांव का नाम, वहां तक की दूरी, वह वहां कैसे जाता है, आदि जैसे प्रश्नों की झड़ी लगा दी। जब बुद्ध ने उससे कहा कि क्या वह यहां से बैठे-बैठे अपने गांव पहुंच जाएगा, तो वह झुंझला गया। उसने कहा कि ऐसा तो बिलकुल भी संभव नहीं। उसे वहां तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना ही होगा।
इस पर भगवान बुद्ध ने कहा कि अब आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको अपने गांव का रास्ता पता है, लेकिन इस जानकारी को व्यवहार में लाए बिना वहां नहीं पहुंचा जा सकता है। उसी प्रकार यदि आपके पास ज्ञान है और आप इसको अपने जीवन में अमल में लाए बिना एक बढि़या इंसान नहीं बन सकते। ज्ञान को अपने व्यवहार में लाना आवश्यक है। इसके लिए आपको दृढ़ निश्चय के साथ निरंतर प्रयास करना होगा।
कथा का सार
ज्ञान को व्यवहार में लाए बिना लक्ष्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती है।


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