- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- रामायण में रावण के पैर...
धर्म-अध्यात्म
रामायण में रावण के पैर के नीचे एक नीले रंग का आदमी देखा होगा, क्या आपको पता है कौन है वो?
Gulabi
23 April 2021 2:04 PM GMT
x
रामायण एक ऐसी कहानी है, जिसे हर कोई देखना पसंद करता है और हिंदू परिवारों में इसका पाठ भी किया जाता है.
रामायण से जुड़ी कई कहानियां भारत में प्रचलित हैं. रामायण एक ऐसी कहानी है, जिसे हर कोई देखना पसंद करता है और हिंदू परिवारों में इसका पाठ भी किया जाता है. आपने देखा होगा जब पिछले साल कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन हुआ था तब भी टीवी पर रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण हुआ था और उसने टीआरपी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इसके अलावा भी रामायण से जुड़ी कहानियां लोग सुनना पसंद करते हैं और इसमें भगवान राम के साथ साथ रावण को लेकर भी कई कहानियां हैं.
आपने भी जब भी रामायण देखी होगी तो आपने शायद नोटिस की या नहीं, लेकिन रावण के सिंहासन पर उसके पांव के पास एक व्यक्ति लेटा रहता था. इस शख्स की नीले रंग की स्किन होती है और वो उल्टा लेटा रहता है. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आखिर ये शख्स कौन था, जो रावण के पांव के नीचे उल्टा लेटा था. ऐसे में जानते हैं रावण के सिंहासन के पास जिस शख्स को दिखाया जाता है, वो कौन है और इसके पीछे क्या कहानी है….
कौन है ये नीले रंग का शख्स?
रावण के सिंहासन पर लेटे इस शख्स को लेकर कई कहानियां हैं. यहां तक कि इस व्यक्ति के अस्तित्व और इसे बंदी बनाए जाने के पीछे कई तरह की कहानियां हैं. इंटरनेट पर मौजूद जानकारी और कई पंडितों से बात करने पर अलग अलग बात सामने आती है. हालांकि, अधिकतर रिपोर्ट में सामने आया है कि यह शख्स नौ देवों में से एक शनि देव हैं. कहा जाता है कि रामायण में रावण के सिंहासन पर नीले वर्ण के जिस शख्स को दिखाया जाता है, वो शनि देव हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह तथ्य तो बहुत कॉमन है कि रावण एक बहुत बड़ा ज्योतिषि था और उसने नौ ग्रहों को बंदी बनाकर अपने अधिकार में ले लिया था. वैसे आपको बता दें कि ज्योतिष विद्या में 9 ग्रहों का अहम योगदान होता है और उनके स्थान के आधार पर ही गणित लगाई जाती है. कहा जाता है कि रावण सभी ग्रहों को अपने पैरों के पास बंदी बनाकर रखता था. ऐसे में रावण अपने पुत्रों की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अपने कंट्रोल में रखता था. इन 9 ग्रह में जो है, वो नीले रंग के शख्स थे वो थे शनि देव.
ये भी है कहानी
ज्योतिष के अनुसार, शनि की दृष्टि से व्यक्ति के जीवन पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में शनि अपनी दृष्टि से रावण की शुभ स्थिति को खराब करने में सक्षम थे और वो इसकी कोशिश करते रहते थे. कहा जाता हैं कि एक बार रावण के पुत्र की कुंडली बनाते वक्त रावण ने सभी ग्रहों का स्थान अपने हिसाब से कर दिया था. लेकिन शनि बार बार अपना स्थान बदलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे रावण के पुत्र अजय नहीं रह पाए. तब रावण ने शनिदेव को कंट्रोल करने के लिए उन्हें अपने पांव के नीचे दबा कर रखा था.
कैसे हुए मुक्त?
शनिदेव के मुक्त होने की कहानी है कि हनुमान जब लंका में गए थे, तब उन्होंने लंका दहन के वक्त शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त करवाया था. इससे पहले नारद मुनि ने रावण को अपनी बातों में फंसाकर शनिदेव को जेल में शिफ्ट करवा दिया था. लेकिन रावण ने शनी को कारागृह में डाल दिया और जेल के द्वार पर इस प्रकार शिवलिंग लगा दिया कि उस पर पांव रखे बिना शनि देव भाग ही ना सके. इसके बाद हनुमान जी ने लंका आकर शनि देव को अपने सर पर बिठाकर मुक्त कराया था. वैसे यह पहले से वरदान मिल चुका था कि शनिदेव को हनुमान जी मुक्त करवाएंगे.
शनिदेव के अलाव भी है कहानियां?
कई कहानियां में कहा जाता है कि रावण ने काल, मृत्यु आदि को भी अपने वश में कर लिया था. इसलिए कई लोग इस व्यक्ति को इनसे भी जोड़कर देखते हैं.
ये आर्टिकल समाज में सुनाई गई कहानियों के आधार पर लिखा गया है. इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं.
Next Story