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- बप्पा की इन बातों से...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 सितंबर से शुरू होगा और अगले 10 दिनों तक भगवान गणेश के भक्त बप्पा की भक्ति में खोए रहेंगे। कही पंडाल सजेंगे, तो कहीं मंदिरों की रौनक देखते ही बनेगी और यही नहीं लोग अपने घरों में भी गणपति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिन भक्ति-भाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन लोग बड़ी ही धूमधाम और पूरे उत्साह के साथ बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करते हैं। चारों तरफ बड़ी धूम होती है और हर कोई गणेशजी की भक्ति में डूबा होता है। मान्यता है कि बप्पा को घर लाने से रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ घर पर विराजते हैं। भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं और हर काम से पहले उनकी पूजा-अर्चना जरूर होती है। वहीं, गणेश जी के स्वरुप से हम चाहें तो बहुत कुछ सीख सकते हैं, जिससे हमारा जीवन पूरी तरह बदल सकता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
बड़े कान
गणेश जी के बड़े कान तो आपने हमेशा ही देखें होंगे, लेकिन इनसे आपको ये सीखना चाहिए कि एक अच्छा श्रोता बनकर आपको सभी अच्छी बातों को सुनना चाहिए और अपनी जिंदगी में इनको अपनाना चाहिए। जबकि बुरी बातों को अनसुना करना चाहिए।
सवारी मूषक
भले ही गणपति की सवारी मूषक बेहद छोटी है, लेकिन फिर भी हर एक मौके पर भगवान गणेश ने खुद को सिद्ध किया है जिसके बाद ही वे सर्वप्रथम पूजनीय कहलाए। ऐसे में हमें इससे ये सीख मिलती है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए और चीजों व समस्याओं का डटकर सामना करना चाहिए और खुद को सिद्ध भी करना चाहिए।
सवारी मूषक
भले ही गणपति की सवारी मूषक बेहद छोटी है, लेकिन फिर भी हर एक मौके पर भगवान गणेश ने खुद को सिद्ध किया है जिसके बाद ही वे सर्वप्रथम पूजनीय कहलाए। ऐसे में हमें इससे ये सीख मिलती है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए और चीजों व समस्याओं का डटकर सामना करना चाहिए और खुद को सिद्ध भी करना चाहिए।
बप्पा की आंखें
भगवान गणेश की आंखें हर व्यक्ति को ये सीख देने का काम करती हैं कि हर काम और परिस्थिति पर सूक्ष्म दृष्टि रखनी चाहिए। साथ ही जिस तरह गणेशजी की आंखें दूरदर्शिता का प्रतीक है, वैसे ही हर किसी को दूरदर्शी भी होना चाहिए।