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धर्म-अध्यात्म
देवउठनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं जान लें ये जरूरी नियम, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल
Bhumika Sahu
13 Nov 2021 5:13 AM GMT
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देवउठनी एकादशी का व्रत करने में कुछ खास नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वरना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कार्तिक महीने (Kartik Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निद्रालीन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) जागते हैं. देवशयनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) पर पाताललोक में आराम करने गए भगवान विष्णु 4 महीने बाद देवउठनी एकादशी से ही फिर से सृष्टि का संचालन संभालते हैं.
इस साल 14 नवंबर 2021, रविवार को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2021) है. इस दिन व्रत करने से बहुत पुण्य मिलता है. वैसे तो हिंदू धर्म में पूरे साल की सभी एकादशी को महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन देवउठनी एकादशी का व्रत इसमें सबसे ज्यादा अहम होता है. इस दिन से ही शादी जैसे शुभ काम एक बार फिर से शुरू हो जाते हैं.
ये हैं व्रत करने के जरूरी नियम
देवउठनी एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है और जरूरी है कि इस व्रत के दौरान धर्म-शास्त्रों में बताए गए सारे नियमों का पालन किया जाए. लिहाजा देवउठनी एकादशी का व्रत रखने से पहले इसके सारे नियम जान लें. इनके मुताबिक देवउठनी एकादशी के व्रत के दिन देर तक नहीं सोएं, बल्कि सुबह जल्दी जागकर स्नान करें और भगवान को प्रणाम करके व्रत का संकल्प लें. याद रखें कि इस दिन शाम के समय न सोएं, वरना मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. इस दिन तुलसी जी और भगवान विष्णु के अलावा माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें.
व्रत नहीं कर रहे तो भी न करें ये काम
यदि देवउठनी एकादशी का व्रत नहीं कर रहे हैं तो भी वे काम करने से बचें, जिन्हें इस दिन करने की मनाही की गई है.
- वैसे तो साल की सभी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए लेकिन देवउठनी एकादशी के दिन तो गलती से भी चावल न खाएं. इस दिन चावल खाने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाला प्राणी बनता है.
- देवउठनी एकादशी के दिन प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें.
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