धर्म-अध्यात्म

आप भी पढ़ें गुरु और शिष्य की यह कथा

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2021 12:21 PM GMT
आप भी पढ़ें गुरु और शिष्य की यह कथा
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जब भी हम कोई काम करते हैं तो उसका कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है। बिना उद्देश्य का काम कैसा?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जब भी हम कोई काम करते हैं तो उसका कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है। बिना उद्देश्य का काम कैसा? हर काम को करने का लोगों का अपना तरीका होता है। कोई काम अपनी खुशी के लिए करता है, तो कोई काम को सिर्फ काम के तौर पर करता है। काम को करते समय आपका उद्देश्य क्या होना चाहिए? यह जानने के लिए पढ़ें गुरु और शिष्य की यह कथा।

जापानी दार्शनिक परंपरा 'जेन' के एक गुरु ने अपने चार शिष्यों की परीक्षा लेने और उन्हें आशीर्वाद देने का निश्चय किया। वे चारों साइकिल से आते थे। गुरु ने उनसे एक ही सवाल पूछा, 'तुम साइकिल क्यों चलाते हो?' पहले शिष्य ने उत्तर दिया, 'इससे मुझे सामान अपनी पीठ पर नहीं ढोना पड़ता। सामान लाने-ले जाने में सुविधा रहती है'।गुरु जी ने उससे कहा, तुम बहुत बुद्धिमान हो। तुम्हारा शरीर हमेशा स्वस्थ रहेगा। दूसरे शिष्य ने उस प्रश्न का उत्तर दिया, 'मुझे साइकिल चलाते समय प्रकृति के विभिन्न रंग देखना अच्छा लगता है।' गुरु जी ने उससे कहा, 'तुम सचेत होकर प्रकृति के आनंदमय रूप को स्वीकार करते हो। तुम हमेशा सुखी रहोगे।'
तीसरे शिष्य ने कहा, 'जब मैं साइकिल चलाता हूं, तब ईश्वर के बारे में सोचता रहता हूं।' गुरु जी ने कहा, तुम्हारा खोजी मन है, तुम्हारी एकाग्रता सधी रहेगी।' चौथे शिष्य ने उत्तर दिया, 'मेरे साइकिल चलाने का कारण यह है कि मैं साइकिल चलाने के लिए साइकिल चलाता हूं।' गुरु जी उठकर उसके चरणों के पास बैठ गए और बोले, 'आज से आप मेरे गुरु और मैं आपका शिष्य।'अपने कार्य का जब हम पूर्णता में आनंद लेते हैं, तभी हम उस काम में प्रवीण हो पाते हैं।




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