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धर्म-अध्यात्म
कल रखा जाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र जाप
Bhumika Sahu
23 Jun 2022 2:50 PM GMT
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योगिनी एकादशी का व्रत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म और शास्त्रों में आषाढ़ के महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है इस दिन सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु के निमित्त व्रत पूजा करने का विधान है जो इस साल 24 जून दिन शुक्रवार यानी की कल पड़ रही है पदमपुराण के अनुसार पृथ्वी पर अश्वमेघ यज्ञ का जो फल होता है उससे सौगुना अधिक फल एकादशी व्रत करने वाले को मिलता है तो आज हम आपको योगिनी एकादशी व्रत के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
योगिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि—
योगिनी एकादशी व्रत के दिन प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी में स्नन करें या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें इसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठे और मंदिर में दीपक जलाएं फिर श्री विष्णु को पंचामृत से अभिषेक कराएं व उनको फूल और तुलसी दल अर्पित करें इसके बार श्री विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाकर कपूर से आरती करें इस दिन श्री विष्णु के साथ साथ पीपल के पेड़ की पूजा का भी विधान है
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों, मंदिरों,पीपल के पेड़ों और तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाएं जाते हैं गंगा आदि पवित्र नदियों में दीप दान करना चाहिए। रात्रि के समय भगवान नारायण की प्रसन्नता के लिए नृत्य, भजन कीर्तिन और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है वह हजारों सालों की तपस्या करने से भी नहीं मिलती है।
मंत्र जाप—
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए यथाशक्ति इन मंत्रों का जाप जरूर करें।
ऊँ नमो नारायणाय'
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:'
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥
योगिनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त—
योगिनी एकादशी व्रत आरंभ— 23 जून को रात 9 बजकर 40 मिनट से
योगिनी एकादशी तिथि समाप्त— 24 जून को रात 11 बजकर 13 मिनट तक
Bhumika Sahu
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