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बिता हुवा कल कभी नहीं आता, मगर आज को बेहतर बनाया जाए
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | एक प्रोफेसर क्लास ले रहे थे. क्लास के सभी छात्र बड़ी ही रूचि से उनके लेक्चर को सुन रहे थे. उनके पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे, लेकिन उन छात्रों के बीच कक्षा में एक छात्र बहुत गुमसुम बैठा हुआ था.
प्रोफ़ेसर ने चार-पांच दिनों तक छात्र को ऐसे ही नोटिस किया तो एक दिन उसे अपने केबिन में बुलवाया और पूछा, तुम हर समय उदास रहते हो, क्लास में अकेले और चुपचाप बैठे रहते हो, लेक्चर पर भी ध्यान नहीं देते, कोई परेशानी है क्या?
छात्र ने हिचकिचाते हुए कहा कि मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जो परेशान करता है. समझ नहीं आता क्या करूं? प्रोफेसर ने कहा कि तुम शाम को मेरे घर आना.
शाम को जब छात्र प्रोफेसर के घर पहुंचा तो उन्होंने उसे बैठाया और खुद किचेन में शिकंजी बनाने लगे. उन्होंने जानबूझकर शिकंजी में ज्यादा नमक डाल दिया. फिर बाहर आकर शिकंजी का गिलास छात्र को देकर कहा, लो ये शिकंजी पियो.
छात्र ने गिलास हाथ में लेकर जैसे ही एक घूंट पिया, अधिक नमक के स्वाद के कारण उसका मुंह अजीब सा बन गया. प्रोफेसर ने पूछा क्या हुआ, शिकंजी पसंद नहीं आई? छात्र बोला, ऐसी बात नहीं है सर, बस शिकंजी में नमक थोड़ा ज्यादा है.
प्रोफेसर बोले, अरे अब तो ये बेकार हो गया, लाओ गिलास मुझे दो. मैं इसे फेंक देता हूं. प्रोफेसर ने छात्र से गिलास लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, लेकिन छात्र ने मना करते हुए कहा, नहीं सर, बस नमक ही तो ज्यादा है. थोड़ी चीनी और मिलाएंगे तो स्वाद ठीक हो जाएगा.
उसकी बात सुनकर प्रोफेसर गंभीर हो गए और बोले सही कहा तुमने. अब समझो कि ये शिकंजी तुम्हारी जिंदगी है. इसमें घुला अधिक नमक तुम्हारे अतीत के बुरे अनुभव हैं. जिस तरह नमक को शिकंजी से बाहर नहीं निकाल सकते, वैसे ही उन बुरे अनुभवों को भी जीवन से अलग नहीं कर सकते.
वे बुरे अनुभव भी जीवन का हिस्सा ही हैं, लेकिन जिस तरह हम चीनी घोलकर शिकंजी का स्वाद बदल सकते हैं, वैसे ही बुरे अनुभवों को भूलने के लिए जीवन में मिठास तो घोलनी पड़ेगी. इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम अब अपने जीवन में मिठास घोलो. प्रोफेसर की बात छात्र समझ गया और उसने निश्चय किया कि अब वो बीती बातों से परेशान नहीं होगा.
अक्सर हम सब भी बीती बातों को याद करके बार-बार दुखी होते हैं, और अपने वर्तमान पर ध्यान ही नहीं देते. इससे वर्तमान भी खराब होने लगता है और जीवन में समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं लेतीं. इसलिए जो हो गया उसे याद करने की बजाय वर्तमान पर फोकस करके उसे बेहत बनाओ और नए पलों को सहेजों. ताकि जीवन में मिठास घुल सके और बुरे अनुभवों को भूला जा सके.