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धर्म-अध्यात्म
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को पीली वस्तुएं अर्पित की जाती हैं, जानिए
Bhumika Sahu
25 Jan 2022 4:46 AM GMT
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हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग की चीजों को अर्पित करने का विधान है. यहां जानिए कि ऐसा क्यों किया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Magh Month Panchami Tithi) को माता सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को बसंत पंचमी (Basant Panchami) कहा जाता है. इस दिन विशेष रूप से ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) का पूजन किया जाता है और उन्हें उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाती हैं. विद्यार्थियों और संगीत प्रेमियों के लिए ये दिन बेहद खास माना गया है. माता सरस्वती को बसंत पंचमी के दिन पीली चीजों को अर्पित करने का विधान है. यहां तक कि माता के भक्त भी पीले वस्त्र ही धारण करते हैं. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा. इस मौके पर जानते हैं कि बंसत पंचमी के दिन पीले रंग को इतनी महत्ता क्यों दी गई है?
बसंत पंचमी पर पीला रंग इसलिए माना जाता है शुभ
इस मामले में ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो धार्मिक रूप से पीले रंग को हमेशा शुभ ही माना गया है. ये रंग सादगी और सात्विकता का रंग माना जाता है. इसके अलावा माघ मास में कड़ाके की ठंड कम हो जाती है और मौसम सुहावना हो जाता है. पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल-कलियां खिलने लगती हैं और खेतों में सरसों की फसल लहराने लगती है. सरसों के फूल पीले होते हैं. इस दृश्य को देखकर लगता है कि मानों प्रकृति स्वयं का शृंगार पीले रंग से कर रही है. इसी मौसम में माता सरस्वती का जन्म दिवस मनाया जाता है. ऐसे में माता को प्रकृति के इस विशेष रंग की चीजों यानी पीले वस्त्र, पीला भोग, पीला फल, पीले फूल आदि को अर्पित करने का विधान है.
ज्ञान का प्रतीक है पीला रंग
पीला रंग समृद्धि, एनर्जी, प्रकाश और आशावाद का भी प्रतीक है. ये आपके ब्रेन को एक्टिव करता है और आपका उत्साह बढ़ाता है. आपके दिमाग की नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मकता की ओर ले जाता है. यानी पीला रंग अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने वाला रंग है. इस तरह बसंत पंचमी के दिन पीले रंग की चीजों को माता सरस्वती को अर्पित करके हम मां सरस्वती को ही नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति भी सम्मान और आभार प्रकट करते हैं.
बसंत पंचमी के दिन इस तरह करें माता की पूजा
इस बार बसंत पंचमी के दिन सुबह से स्नान आदि करके पीले वस्त्र पहनें और मन में माता के पूजन या व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी या पाटे पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति रखें. उन्हें पीले वस्त्र, पीला चंदन, हल्दी, केसर, हल्दी से रंगे पीले अक्षत, पीले पुष्प अर्पित करें और पीले मीठे चावल का भोग लगाएं. अगर आप विद्यार्थी हैं तो अपनी किताबों को माता के सामने रखें और उनका भी पूजन करें और अगर संगीत के क्षेत्र से जुड़े हैं तो वाद्य यंत्र माता की पूजा के समक्ष सामने रखें और इसकी भी पूजा करें. इसके बाद आरती और सरस्वती वंदना करके माता का आशीर्वाद प्राप्त करें.
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