धर्म-अध्यात्म

कालभैरव की पूजा इस विशेष उपाय के करने से मिलेगा मनचाहा फल

Ritisha Jaiswal
1 Jun 2021 10:23 AM GMT
कालभैरव की पूजा इस विशेष उपाय के करने से मिलेगा मनचाहा फल
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हिंदू धर्म में व्रत- त्योहारों को बेहद महत्व दिया जाता है। वहीं शुभ तिथियों में भगवान का व्रत व पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में व्रत- त्योहारों को बेहद महत्व दिया जाता है। वहीं शुभ तिथियों में भगवान का व्रत व पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का दिन पड़ता है। इस शुभ दिन पर शिव जी के रौद्र अवतार की पूजा व व्रत करने का विधान है। कालाष्टमी के दिन को काल भैरवाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहते हैं। इस महीने यह शुभ तिथि 2 जून 2021 को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने व कुछ उपाय करने से जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

कालाष्टमी का महत्व
भगवान काल भैरव को शिव जी का रौद्ररुप माना जाता है। मगर आम लोगों को भैरव जी के सौम्य रूप यानी बटुक की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि कालाष्टमी के शुभ दिन पर भैरव जी का व्रत, पूजा व कुछ उपाय करने से उनकी कृपा मिलती है। जीवन की परेशानियां दूर होकर घर में सुख व समृद्धि का वास होता है। तो चलिए जानते हैं कुछ उपायों के बारे में...
कालभैरव की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा फल
इस शुभ दिन पर भगवान शिव के काल भैरव रुप की पूजा करें। भगवान भैरव के सामने सरसों तेल दीपक जलाकर श्रीकालभैरवाष्टकम का पाठ करें। मान्यता है कि इससे मनचाहा फल की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव की पूजा करने से मिलेगा शुभफल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन 21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिव जी को अर्पित करें। इससे मनोकामना पूरी होती है।
काले कुत्ते को रोटी खिलाने से मिलेगी कृपा
इस दिन कुत्ते को रोटी खिलाने से कालभैरव और न्याय के देवता शनिदेव की कृपा मिलती है। वहीं कुत्ता अगर काले रंग का हो जो वो ज्यादा उत्तम होगा।
परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए जलाएं अगरबत्ती
इस शुभ दिन पर काल भैरव के आगे खुशबूदार 33 अगरबत्तियां जलाएं। इससे जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में शांति व सुख का वास होगा।
काल भैरव की कृपा पाने के लिए करें दर्शन
कालाष्टमी के दिन भैरव जी के मंदिर जाकर दर्शन करें। साथ ही 40 दिनों तक मंदिर जाएं। इस नियम को चालीसा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे भगवान भैरव प्रसन्न होकर मनचाहा फल प्रदान करते हैं।


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