धर्म-अध्यात्म

कार्तिक महीने में इन विधान से करें तुलसी की पूजा, लक्ष्मी-नारायण की बरसेगी कृपा

Subhi
13 Oct 2022 3:32 AM GMT
कार्तिक महीने में इन विधान से करें तुलसी की पूजा, लक्ष्मी-नारायण की बरसेगी कृपा
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भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अति प्रिय कार्तिक माह (Kartik Month 2022) 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. इसी महीने में दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे बड़े त्योहार आते हैं. कहा जाता है

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अति प्रिय कार्तिक माह (Kartik Month 2022) 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. इसी महीने में दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे बड़े त्योहार आते हैं. कहा जाता है कि तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) में मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का वास होता है. ऐसे में अगर जो जातक कार्तिक माह में पूरे श्रद्धा भाव से तुलसी का पूजन करते हैं, उन पर लक्ष्मी-नारायण की जमकर कृपा बरसती है. इस महीने में तुलसी पूजन के कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिन्हें मानने से शुभ फल मिलता है. आइए जानते हैं कि वे नियम क्या हैं.

इन दिनों में कभी न तोड़ें तुलसी की पत्तियां

वायु पुराण के मुताबिक, रात में कभी भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए. इसके साथ ही पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी, रविवार और संक्रान्ति के दिन भी तुलसी (Tulsi Plant) की पत्तियों को नहीं तोड़ा जाना चाहिए. अगर आपने तेल से शरीर की मालिश कर रखी है तो भी तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए और न ही खानी चाहिए. इस कार्तिक मास में अगर किसी की मृत्यु हो गई हो या किसी बच्चे का जन्म हुआ तो उस दिन भी तुलसी के पत्ते नही तोड़ने चाहिए.

पश्चिम दिशा की ओर मुख करके न तोड़ें तुलसी

धर्म पुराण के अनुसार तुलसी की पत्तियों को कभी भी पश्चिम दिशा की ओर मुख करके नहीं तोड़ना चाहिए. कार्तिक माह (Kartik Month 2022) में रोजाना सुबह सूर्योदय से पहले उठकर मंदिर में जाकर प्रभु के दर्शन करने चाहिए और कार्तिक के भजन गाने चाहिए. इसके साथ ही सुबह उठकर तुलसी पूजन करना भी कभी न भूलें.

स्नान के बिना न करें तुलसी की पूजा

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिना स्नान किए कभी भी तुलसी की पत्तियों (Tulsi Plant) को नहीं तोड़ना चाहिए और न ही पूजा की जानी चाहिए. ऐसा करने से आपकी पूजा निष्फल हो जाती है. कार्तिक माह (Kartik Month 2022) में भोजन के बाद तुलसी के स्वत: टूटकर गिरे पत्तों को खाना काफी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस महीने में तुलसी की विधि विधान से सेवा करता है, उसे अपना आशीर्वाद देने के लिए माता लक्ष्मी (Maa Lakshmi) उसके घर में निवास करने के लिए पहुंचती हैं.


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