धर्म-अध्यात्म

भद्रकाली जयंती पर करें माता के इस रूप की पूजा

Tara Tandi
4 May 2023 10:09 AM GMT
भद्रकाली जयंती पर करें माता के इस रूप की पूजा
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हिंदू धर्म में बहुत सारे पर्व त्योहार मनाएं जाते हैं और सबका अपना महत्व भी होता है। वही पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इसके समापन के बाद ज्येष्ठ माह का आरंभ हो जाएगा। और इस महीने कई सारे व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं जिसमें से एक भद्रकाली जयंती है आपको बता दें कि भद्रकाली जयंती ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी के दिन ​मनाई जाती है।
इस दिन लोग निर्जला व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते है। आपको बता दे कि अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां काली के भद्रकाली रूप की पूजा करने तमाम रोग, दोष और शोक समाप्त हो जाते है इस दिन का महत्व सबसे अधिक दक्षिण भारत में देखने को मिलता है तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
भद्रकाली जयंती की तारीख और मुहूर्त—
इस साल भद्रकाली जयंती 15 मई को पड़ रही इसी दिन अपरा एकादशी और वृषभ संक्रांति भी मनाई जाएगी। वैसे तो एकादशी पर विष्णु पूजा होती है लेकिन इस दिन मां भद्रकाली की पूजा और व्रत करने से भी लाभ मिलता है।
ऐसे में इस दिन देवी मां की पूजा आराधना करने से साधक के सभी कष्टों का हनन हो जाएगा और सुख में वृद्धि होगी।
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मासा की अपरा एकादशी 15 मई को सुबह 2 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी 16 मई को 1 बजकर 3 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में इस दिन देवी मां की पूजा आराधना करने से साधक के सभी कष्टों का हनन हो जाएगा और सुख में वृद्धि होगी।
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