धर्म-अध्यात्म

होलाष्टक में करें इन दो देवताओं की पूजा, माना जाता है शुभकारी

Gulabi
20 March 2021 11:44 AM GMT
होलाष्टक में करें इन दो देवताओं की पूजा, माना जाता है शुभकारी
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हर साल होली का त्योहार फाल्गुन माह की शुक्लपक्ष में मनाया जाता है।

हर साल होली का त्योहार फाल्गुन माह की शुक्लपक्ष में मनाया जाता है। होली के आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। ये फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होकर होलिका दहन के दिन तक चलते हैं। होलाष्टक के 8 दिनों में शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। हालांकि फाल्गुन माह भगवान कृष्ण और शिव जी को समर्पित होता है, इसलिए होलाष्टक की अवधि में इनकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। पंडित विवेक गैरोला के मुताबिक, 'फाल्गुन माह में शंकर जी और कृष्ण जी की पूजा विशेष महत्व रखती है। विधिविधान से पूजा अर्चना करने पर मनोकामना पूरी होती है।'

यद्यपि होलाष्टक 8 दिन के होते हैं, किंतु इस बार त्रयोदशी तिथि का क्षय हो रहा है अर्थात त्रयोदशी तिथि घट रही है। इसलिए होलाष्टक सात दिन के ही होंगे।
होलाष्टक शुभ क्यों नहीं होता है? इसके संबंध में दो पौराणिक कथाएं हैं, जो भक्त प्रह्लाद और कामदेव से जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं कि भक्त प्रह्लाद और कामदेव के साथ ऐसा क्या हुआ था, कि होलाष्टक अशुभ माने जाने लगा।
पहली कथा भक्त प्रहलाद और दूसरी कथा कामदेव से जुड़ी है।
1. भक्त प्रहलाद- पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को भगवान श्रीहरि की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिनों तक कठिन यातनाएं दी थीं। आठवें दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जिसे वरदान प्राप्त था, वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी और जल गई थी लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे।
2. रति पति कामदेव- कहते हैं कि देवताओं के कहने पर कामदेव ने शिव की तपस्या भंग करने के लिए कई दिनों में कई तरह के प्रयास किए थे। तब भगवान शिव ने फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने उनके अपराध के लिए शिवजी से क्षमा मांगी, तब भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवन देने का आश्वासन दिया।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक होली के दिन 28 मार्च को कन्या राशि में चंद्रमा का गोचर होगा। गुरु और शनि मकर राशि में होंगे। इसे शनि-गुरु की युति को विशेष योग माना जाता है। बृहस्पति की गणना नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह में होती है तो शनि को क्रूर ग्रहों में प्रमुख माना जाता है।


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