- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- चातुर्मास में करें इन...
x
सनातन धर्म में चातुर्मास को बहुत महत्व दिया गया है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल चातुर्मास 29 जून से शुरू हो रहा है और 23 नवंबर को समाप्त होगा. ऐसा माना जाता है कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु इन 4 महीनों के दौरान निद्रा में रहते हैं. इतना ही नहीं, वैसे तो चातुर्मास 4 महीने का होता है, लेकिन इस बार अधिकमास लगने के कारण चातुर्मास पूरे 5 महीने का होने वाला है.
इस साल चातुर्मास 29 जून से शुरू हो रहा है, जो 23 नवंबर को समाप्त होगा. इस वर्ष अधिक मास भी लग रहा है. ऐसे में भगवान श्रीहरि विष्णु 5 महीने तक निद्रा में रहेंगे. ऐसे समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाएगा. लेकिन इन 5 महीनों में देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी, जो इस प्रकार है.
चातुर्मास पूजा विधि (Chaturmas Puja Vidhi)
सावन महीना: सनातन धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की आराधना को समर्पित है. जब भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं तब भगवान शंकर सृष्टि का संचालन करते हैं. ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
भाद्रपद मास: सावन के महीने के बाद भाद्रपद का महीना आता है और इस महीने में भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी मनाई जाती है. ऐसे में इस माह में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की पूजा करने से जीवन धन्य हो जाता है.
आश्विन मास: इस माह में पितरों की पूजा के साथ-साथ मां दुर्गा की पूजा को भी विशेष महत्व दिया गया है. इस माह में नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस माह में तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि भी किये जाते हैं. इस महीने में लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं.
कार्तिक मास: इस महीने में भगवान विष्णु अपनी 4 महीने की लंबी निद्रा से जागते हैं. स्नान दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस माह में दीपावली, तुलसी विवाह उत्सव भी मनाया जाता है. इस महीने में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
अधिक मास: धर्म शास्त्रों के अनुसार इस माह का अधिकांश समय भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता है. लेकिन इस दौरान तुलसी की पूजा करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है.
Next Story