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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन परंपरा में देवों के देव कहलाने वाले भगवान शिव की पूजा सभी दु:खों को दूर करके सुख-सौभाग्य को दिलाने वाली माना गई है. मान्यता है कि औढरदानी भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित सोमवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने पर भोले शंकर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. यही कारण है कि देश के तमाम शिवालयाें में सोमवार के दिन भोले के भक्तों का तांता लगा रहता है. आइए सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए किए जाने वाले उपाय एवं नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कब करें शिव की पूजा
सनातन परंपरा में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वर्षा करने वाले भोले शंकर की पूजा आप कभी भी किसी समय कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष काल में उनकी पूजा शीघ्र ही फलदायी और पुण्यदायी मानी गई है. ऐसे में आज प्रदोष काल में जो कि प्रतिदिन शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है, उसमें विधि-विधान से जरूर पूजा करें.
किस शिवलिंग की करें पूजा
हिंदू धर्म में अलग-अलग शिवलिंग की पूजा का अलग-अलग फल बताया गया है. जैसे पारे से बने शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि जहां उनकी पूजा होती है, वहां पर धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर साक्षात विराजमान रहते हैं और शिव कृपा से साधक का घर धन-धान्य से भरा रहता है. काले पत्थर से बना शिवलिंग सभी कामनाओं को पूरा करने वाला और पार्थिव यानि शुद्ध मिट्टी से बना शिवलिंग सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना गया है.
कैसे करें शिवलिंग की पूजा
सोमवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद शिवलिंग पर सबसे पहले तांबे के लोटे से गंगा जल या फिर शुद्ध जल चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव को गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें और उसके बाद एक बार फिर शुद्ध जल से स्नान कराएंं.इसके बाद भगवान भोले नाथ को सफेद चंदन और भस्म से तिलक लगाकर सफेद पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र आदि चढ़ाएं. इसके बाद रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र का जप और उसके बाद दीपक जलाकर आरती करें. पूजा के अंत में शिवलिंग की शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें और पूजा में की गई भूल-चूक के लिए माफी मांगते हुए अपनी मनोकामना महादेव के चरणों में अर्पण करें.