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सावन का पवित्र आनंददायक महीना चल रहा है. हर कोई भगवान शिव की आराधना कर आशीर्वाद मांग रहा है
सावन का पवित्र आनंददायक महीना चल रहा है. हर कोई भगवान शिव की आराधना कर आशीर्वाद मांग रहा है. यह पवित्र चातुर्मास का पहला महीना है और इस माह के अधिपति स्वयं भगवान शिव हैं. ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने विष का पान किया था. विष को ग्रहण करने के बाद उसकी गर्मी को शांत करने के लिए भक्त पूरे सावन में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. कहते इस महीने में नित्य शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा आसानी से मिल जाती है. 14 जुलाई से शुरु इस महीने की पूर्णता 12 अगस्त को रक्षाबंधन यानी श्रावणी पूर्णिमा पर्व के साथ पूरी होगी.
शीघ्र विवाह की चाह तो करें शिव पार्वती की आराधना
जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है या किसी तरह की अड़चन है तो ऐसे लोग विशेष प्रयोग करके विवाह का वरदान पा सकते हैं. भगवान शिव और मां पार्वती को आदर्श दंपती माना जाता है और मां पार्वती ने शिव जी को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए उन्हीं की साधना की थी इसीलिए जो कोई भी सावन में भगवान शिव और मां पार्वती की साधना करता है, उसे शीघ्र विवाह का वरदान जरूर मिलता है चाहे वह युवक हो या युवती. ऐसे लोगों को शिव जी और मां पार्वती का पूजन करने के साथ ही ॐ उमा महेश्वराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
शिव मंदिर में घी का दीपक जलाने से मिलेगी धन संपत्ति
यदि आप धन संपत्ति का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो सावन के महीने में एक काम जरूर करिए. सावन के पूरे महीने में रोज शाम को घी का दीपक भगवान शिव के मंदिर में जाकर जलाइए और भगवान शिव से धन व संपत्ति प्राप्त करने की प्रार्थना करिए. निश्चित रूप से धन संबंधी समस्याएं दूर होंगी और भगवान शंकर आपके ऊपर धन संपत्ति के रूप में कृपा करेंगे.
सावन में खानपान में बरतें सावधानी
लीफाई वेजिटेबल्स यानी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन इस महीने में नहीं करना चाहिए. सावन के महीने में बासी और भारी खाना भी वर्जित बताया गया है क्योंकि इस महीने में पाचन तंत्र कुछ कमजोर रहता है. मांस मदिरा का प्रयोग भी मना है. इस महीने में बारिश के बीच बहुत तेज धूप निकलती है लेकिन इस तेज धूप से बचना चाहिए. धूप से बचने पर आपको आंखों में कंजेक्टिवाइटिस और इंफेक्शन या स्किन संबंधी अन्य बीमारियां हो सकती हैं. कम्युनिकेशन वाली बीमारियों से भी बचने का प्रयास करना चाहिए.
सावन में रोज शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं
सावन माह में रोज ही शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं. सावन में सोमवार का विशेष महत्व है इसलिए जो लोग किन्हीं कारणों से रोज पूजन नहीं कर पाते है, उन्हें सोमवार को तो
अवश्य ही शिव जी की आराधना करनी चाहिए. अल्प मात्रा में दूध का अर्पण भी कर सकते हैं किंतु दूध के लिए तांबे के पात्र का कभी भी उपयोग न करें. ताम्र पात्र का उपयोग जल के लिए कर सकते है.
Ritisha Jaiswal
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