धर्म-अध्यात्म

मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें शिव की पूजा, शनि दोष होगा दूर

SANTOSI TANDI
12 Sep 2023 12:27 PM GMT
मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें शिव की पूजा, शनि दोष होगा दूर
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शनि दोष होगा दूर
भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामना पूरी होती है और जीवन में खुशियां आती हैं. वैसे तो महादेव की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा करने से शंकर भगवान की विशेष कृपा बरसती है. हर महीने शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. मान्यता है कि ये एक ऐसा दिन होता है, जिस दिन भोलेनाथ आपकी प्रार्थना जरूर सुनते हैं. शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष को चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो इस दिन भगवान शंकर की पूजा पूरे नियम से करता है उसे शनि दोष के प्रकोप से राहत मिलती है और भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं. आइए जानते हैं दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त.
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?
अभी भाद्रपद का महीना चल रहा है और इस मास में सनातन धर्म के बहुत से त्योहार होते हैं. उन त्योहारों में से एक शिवरात्रि का शुभ दिन भी आता है. इस साल भाद्रपद की शिवरात्रि 13 सितंबर को पड़ रही है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 12 सितंबर की रात 2 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रहा है और 13 सितंबर की रात 3 बजकर 25 मिनट तक ये मुहुर्त रहेगा. उदया तिथि के अनुसार व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा. जो लोग प्रदोष काल में पूजा करते हैं उनके लिए शुभ मुहूर्त 13 सितंबर की शाम 5 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रहा है और रात के 8 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हो रहा है.
कैसे करें पूजा?
हिंदू पुराणों के अनुसार भोलेनाथ की पूजा उनके अभिषेक के बिना अधूरी हैं. इस दिन भोलेनाथ को खुश करने के लिए शिवलिंग को स्नान कराएं और भोले बाबा की पसंदीदा चीजों से श्रृंगार करें. इसके बाद शिव शंभू का पूरे विधि- विधान से रुद्राभिषेक करें. ऐसा करने से आपके सारे दुख दर्द दूर हो जाएंगे.
शनि दोष होगा दूर
किसी के भी जीवन में शनि दोष के आने से जिंदगी उत्तल पुथल हो जाती है. चारों तरफ से परेशानियां ही परेशानियां आने लगती हैं और ऐसा लगता है जैसे जीवन से खुशियां गायब सी हो गई हैं. शनि के प्रकोप को शांत करने के लिए शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में शंकर भगवान को बेलपत्र, शम्मी का पत्ता ओर कनेल का फूल चढ़ाएं और साथ ही गन्ने के रस से अभिषेक करें. इस विधि से शिव शंभू की पूजा करने से शनिदेव का प्रकोप शांत हो जाता है.
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