धर्म-अध्यात्म

5 फरवरी को 'सिद्ध' योग में करें शनि देव की पूजा, इन 5 राशियों को मिलेगी विशेष राहत

Tulsi Rao
4 Feb 2022 10:30 AM GMT
5 फरवरी को सिद्ध योग में करें शनि देव की पूजा, इन 5 राशियों को मिलेगी विशेष राहत
x
शनि देव जब कष्ट देने पर आते हैं तो शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस, दांपत्य जीवन आदि में उथल-पुथल शुरु हो जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Dev : ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को एक क्रूर ग्रह माना गया है. मान्यता है कि जब शनि देव अशुभ होते हैं तो मनुष्य का जीवन बाधा, परेशानी और कष्ट से भर देते हैं. शनि देव अपनी दशा, अंर्तदशा, साढ़े साती और ढैय्या के दौरान सबसे अधिक कष्ट प्रदान करते हैं. शनि देव जब कष्ट देने पर आते हैं तो शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस, दांपत्य जीवन आदि में उथल-पुथल शुरु हो जाती है.

5 फरवरी को बन रहा है विशेष संयोग
शनि देव की पूजा के लिए 5 फरवरी 2022, शनिवार को उत्तम संयोग बना है. पंचांग के अनुसार इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. बसंत पंचमी का पावन पर्व इसी दिन मनाया जाएगा. इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा. शनिवार को सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है. जिस कारण पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम संयोग बना है.
मकर राशि में तीन ग्रहों की युति
5 फरवरी को मकर राशि में विशेष स्थिति बनी है. शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं. इस दिन ये मकर राशि में विराजमान रहेंगे. शनि के साथ सूर्य और बुध भी युति बना रहे हैं. 4 फरवरी को बुध मार्गी हो चुके हैं. सूर्य और बुध की युति से अत्यंत शुभ योग बनता है जिसे बुधादित्य योग कहा जाता है. शनि वर्तमान समय में अस्त अवस्था में हैं.
शनि देव की पूजा
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करना उत्तम माना गया है. इस दिन पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही इन 5 राशि वालों के लिए शनिवार का दिन विशेष है. इन राशियों पर शनि की साढे़ साती और शनि की ढैय्या चल रही है. ये राशियां इस प्रकार हैं-
धनु राशि (Sagittarius)- शनि की साढ़े साती
मकर राशि (Capricorn)- शनि की साढ़े साती
कुंभ राशि (Aquarius)-शनि की साढ़े साती
मिथुन राशि (Gemini)- शनि की ढैय्या
तुला राशि (Libra)- शनि की ढैय्या
शनि के उपाय
शनि देव को तेल चढ़ाएं.
पीपल पर जल चढ़ाने से भी शनि प्रसन्न होते हैं.
हनुमान जी की पूजा करें.
इस मंत्र का एक माला जाप करें- ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:


Next Story