धर्म-अध्यात्म

जीवन में सुख-समृद्धि के लिए करें शनिदेव की पूजा ,पढ़े ये पौराणिक कथा

Kajal Dubey
20 Nov 2021 2:42 AM GMT
जीवन में सुख-समृद्धि के लिए करें शनिदेव की पूजा ,पढ़े ये पौराणिक कथा
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शनिवार को शनिदेव की पूजा की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनिवार को शनिदेव की पूजा की जाती है. शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है. इसलिए व्यक्ति के द्वारा किए गए अच्छे या बुरे कर्मों का फल भी शनि देवता द्वारा दिया जाता है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने का विधान है. शनिदेव की पूजा करते समय उन्हें सरसों का तेल चढ़ाने की भी परंपरा है. शनिदेव के पूजन के वक्त उन्हें काले तिल भी चढ़ाए जाते हैं. आखिर शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है, बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी होगी. दरअसल इसे लेकर भी एक पौराणिक कथा प्रचलित है. अगर आप भी नहीं जानते कि आखिर शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने के पीछे क्या वजह है तो हम आपको इसकी पौराणिक कथा के बारे में बता रहे हैं.

बता दें कि शनिदेव काफी जल्दी क्रोधित होने वाले देवता भी माने जाते हैं. उनकी दृष्टि अगर किसी पर भी पढ़ जाए तो उसका जीवन कष्टों से भर जाता है. राजा को भी रंक होने में पलभर का वक्त लगता है. वहीं अगर शनिदेव किसी पर प्रसन्न हो जाते हैं तो उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास हो जाता है.

यह है पौराणिक कथा
शनिदेव को तेल चढ़ाने को लेकर प्रचलित कथा के अनुसार लंकापति रावण ने अपने महल में सभी ग्रहों को बंदी बना रखा था. शनिदेव भी रावण के बंदीगृह में कैद थे. रावण अपने अहंकार में इतना मदमस्त था कि उसने शनिदेव को कारागृह में उल्टा लटका रखा था. जब माता सीता की खोज करते हुए हुनुमान जी लंका पहुंचे और रावण ने उनकी पूंछ में आग लगवाई तो इसे क्रोधित होकर हनुमान जी ने सारी लंका को आग के हवाले कर दिया था.
जब लंका जल गई तो सारे ग्रह तो रावण की कैद से मुक्त हो गए, लेकिन शनिदेव उल्टे लटके होने की वजह से मु्क्त नहीं हो सके. वे काफी लंबे वक्त से उल्टे लटके थे इस वजह से उनका शरीर दर्द से तड़प रहा था. उन्हें असहनीय पीड़ा हो रही थी. शनिदेव की ये हालत देखकर हनुमान जी को उन पर दया आ गई और उन्होंने शनिदेव के पूरे शरीर पर सरसों के तेल की मालिश कर दी. इससे शनिदेव को दर्द से राहत मिल गई.
इस पर प्रसन्न होकर शनिदेव ने कहा कि जो भी उनकी पूजा करते वक्त सरसों का तेल चढ़ाएगा उसके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी. मान्यता है कि तभी से शनिदेव को सरसों का तेल चलाने की शुरुआत हुई


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