धर्म-अध्यात्म

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें पीपल के पेड़ की पूजा...घर से सारी परेशानियां होगी दूर

Subhi
6 Feb 2021 2:38 AM GMT
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें पीपल के पेड़ की पूजा...घर से सारी परेशानियां होगी दूर
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शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है. उन्हें न्याय का देवता कहा जाता हैं. वे कर्मों के हिसाब से लोगों को फल दिया करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है. उन्हें न्याय का देवता कहा जाता हैं. वे कर्मों के हिसाब से लोगों को फल दिया करते हैं. कहते है कि अगर शनिदेव किसी से क्रोधित हो जाए तो राजा से रंक बना देते हैं. लेकिन अगर उनकी कृपा हो जाए तो आपके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं. शनिदेव आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.

हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का खास महत्व है. मान्यता है कि इसमें देवता वास करते हैं और शनिवार के दिन इसकी पूजा करन से लाभ मिलता है. भक्त शनिदेवता को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं. साथ ही कुंडली में शनि दोष को कम करने के लिए तमाम तरह के उपाय करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, शनिवार के दिन पेड़ में जल अर्पित करने से शांति की प्राप्ति होती है. इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से और परिक्रमा करना शुभ होता है. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैंं.
ज्योतिषों के अनुसार, कुंडली में शनिदोष को दूर करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही आर्थिक परेशानियां भी दूर होती है. आइए जानते हैं शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा किस तरह से करनी चाहिए.
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं
शनिवार के दिन शनिदेव की विधि विधान से पूजा करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. अब पीपल के कुछ पत्तों को घर ले जाएं और धो लें. इसके बाद पानी में हल्दी घोल लें और अनामिका उंगली से पीपल के पत्ते पर ह्रीं लिखें. कहते हैं कि पीपल के पत्ते की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
ज्योतिषों के मुताबिक पीपल के पत्ते की पूजा करने के बाद उस पत्ते को पर्स या तिजोरी में रखना चाहिए. अगली शनिवार को उस पुराने पत्ते को मंदिर में रख देना चाहिए और नए पत्ते की पूजा करके दोबारा पर्स में रखना चाहिए.




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