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मार्गशीर्ष माह में इन देवता की पूजा का है खास महत्व, 9 नवंबर से शुरू होगा महीना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर माह पूर्णिमा तिथि के बाद नए महीने की शुरुआत होती है. 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद कार्तिक का महीना भी समाप्त हो जाएगा और इसके बाद शुरू होगा नया महीना. 9 नवंबर से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही है. हर माह किसी न किसी देवता को समर्पित होता है. अगहन का महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इस माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
शास्त्रों के अनुसार इस माह में शंख पूजा का विशेष महत्व होता है. इस माह को मांगलिक कार्यों और विवाह के हिसाब से काफी अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि इस माह में विवाह करना शुभ होता है. वहीं, इस माह में भगवान श्री राम और सीता का विवाह हुआ था. जानें क्यों खास है साल का ये नौंवा महीना.
मार्गशीर्ष माह में आते हैं ये त्योहार
हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का नौंवा महीना अगहन का होता है. इस माह को भगवान श्री कृष्ण का महीना भी कहा जाता है. इस माह में कई बड़े व्रत और त्योहार भी आते हैं. अगहन माह में काल भैरव अष्टमी, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी और अनंग त्रयोदशी मनाई जाती है. इसके अलावा पूर्णिमा के दिन दत्त जंयती का पर्व मनाया जाता है.
इस माह में हुआ था श्री राम और सीता मां का विवाह
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी पर्व मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग में इस तिथि पर भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस माह में मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. कहते हैं कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इस कारण इस माह का खास महत्व बताया जाता है.
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः।।
इस श्लोक में श्री कृष्ण ने मार्गशीर्ष माह का महत्व बताया है. पंचांग के अनुसार इस पवित्र माह में गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से रोगों, दोषों और पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है.