धर्म-अध्यात्म

रथ सप्तमी पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा, हमेशा बनी रहेगी सूर्य की कृपा

Triveni
19 Feb 2021 12:47 AM GMT
रथ सप्तमी पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा, हमेशा बनी रहेगी सूर्य की कृपा
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आज रथ सप्तमी है। आज के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आती है।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज रथ सप्तमी है। आज के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आती है। सनातन परंपरा के अनुसार, यह दिन सूर्य उपासना के महापर्व के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को माघ सप्तमी या माघ जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन अगर स्नान किया जाए तो व्यक्ति को बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही पापों का नाश भी होता है। इसके अलावा दीर्घायु जीवन की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें पूजा या अनुष्ठान।

इस तरह करें रथ सप्तमी की पूजा या अनुष्ठान:
रथ सप्तमी की पहले की संध्या को पर अरुणोदय के समय जगे रहना और स्नान करना बेहद जरूरो होता है। यह बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
स्नान के बाद नमस्कार की मुद्रा में सूर्यदेव को जल का अर्घ्य का दें। अगर संभव हो तो सूर्यदेव को पवित्र नदियों के जल से अर्घ्य दें।
यह अनुष्ठान तब पूरा माना जाता है जब सूर्यदेव के अलग-अलग नामों का स्मरण किया जाएगा। इन नामों का जाप न्यूनतम 12 बार किया जाना चाहिए।
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मिट्टी के दीए लें और उन्हें घी से भर दें। इन्हें जलाएं। इसी को रथ सप्तमी पूजन कहलाता है।
इस अवसर पर गायत्री मंत्र का जाप भी करना चाहिए। साथ ही सूर्य सहस्त्रनाम मंत्र का भी जाप करें। इसका जाप पूरे दिन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भाग्य परिवर्तन होना शुरु हो जाता है।
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