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धर्म-अध्यात्म
नवरात्रि के 5वें दिन ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, संतान सुख की मनोकामना होगी पूरी
Triveni
17 April 2021 3:24 AM GMT
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मां दुर्गाजी के पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता है। इनकी उपासना नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मां दुर्गाजी के पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता है। इनकी उपासना नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है। भगवान स्कन्द कुमार का्त्तितकेय नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर-संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। इन्हीं भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां के इस पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता है। कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण से इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। स्कन्दमाता की उपासना से बालरूप स्कन्द भगवान् की उपासना स्वयमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अत: साधक को स्कन्दमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये। नवरात्र के पांचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्त्व बताया गया है। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होता है।
किस राशि के लिए शुभ
सभी 12 राशियों के लिए शुभ। विशेषकर मकर और कुंभ राशि के लिए उत्तम।
आज का शुभ रंग : स्वर्ण आभा रंग
देवी स्कन्दमाता को लाल व स्वर्ण आभा वाला रंग प्रिय है।
किस रंग के कपड़े पहनें
जातक पूजा के समय लाल, गुलाबी व पीत रंग के वस्त्र धारण करें।
आज के दिन का महत्व
सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री होने के कारण मां स्कंदमाता की पूजा से साधक का मुखमंडल तेज और कांति से चमक उठता है। दसों महाविद्या और नौ दुर्गा जातक पर प्रसन्न होती हैं।
कौन सी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
मां स्कंदमाता की अर्चना करने से जातक के घर में संतान की वृद्धि होती है। इसके अलावा जातक राजभय से मुक्त रहता है।
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