धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा

Gulabi
8 Oct 2021 5:33 PM GMT
नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा
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मां चंद्रघंटा की पूजा

Maa Chandraghanta Katha: हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार 7 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत (Navratri Starts 7th October) हो चुकी है. कल नवरात्रि का तीसरा दिन (Navratri 3rd Day) है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा (3rd Day Maa Chandraghanta Puja) की जाती है. मां दुर्गा (Maa Durga) का तीसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है. ये अपने भक्तों के प्रति सौम्य और शांत स्वरूप के लिए जानी जाती हैं. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं. मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) के हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा होता है. ग्रंथों में उल्लेख है कि मां के सिर पर अर्धचंद्र घंटे के आकार में विराजमान होते हैं इसलिए मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को चंद्रघंटा का नाम दिया गया है. कहते हैं कि मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय कथा और आरती अवश्य करनी चाहिए. बता दें कि भोग के समय मां चंद्रघंटा को दूध से बने भोग और चमेली के फूल अर्पित करने चाहिए.


मां चंद्रघंटा की कथा (Maa Chandraghanta Katha)

मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप का अवतार तब लिया, जब असुरों का आतंक बढ़ गया था और उन्हें सबक सिखाना जरूरी हो गया था. राजा इंद्र का सिंहासन दैत्यों के राजा महिषासुर हड़पना चाहता था. इस कारण देवताओं और दैत्य की सेना के बीच में युद्ध छिड़ गया. राजा महिषासुर स्वर्ग लोक पर अपना राज कायम करना चाहता था और इसी कराण सभी देवता परेशान थे. परेशान होकर सभी देवता त्रिदेव के पास पहुंचे.

उन्होंने त्रिदेव को सारी बात बताई, जिसे सुनकर त्रिदेव क्रोधित हो गए और तुरंत ही उनकी समस्या का हल निकाल लिया. ब्रह्मा, विष्णु और महेश के मुख से ऊर्जा उत्पन्न हुई, जिसने देवी चंद्रघंटा का रूप ले लिया. देवी को भगवान शिव ने त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, देवराज इंद्र ने घंटा, सूर्य देव ने तेज और तलवार और बाकी देवताओं ने अपने अस्त्र और शस्त्र दिए. इसके बाद देवी का नाम चंद्रघंटा रखा गया. देवताओं की समस्या हल करने और उन्हें बचाने के लिए मां चंद्रघंटा महिषासुर के पास पहुंच गईं. मां चंद्रघंटा को देखते ही महिषासुर ने उन पर हमला कर दिया. इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का संहार कर दिया.

मां चंद्रघंटा पूजन विधि- (Maa Chandraghanta Pujan Vidhi)

नवरात्रि के शुभ दिनों में तीसरे दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कड़े पहने जाते हैं. मंदिर को साफ-सफाई करने के बाद विधि-विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना की जाती है. माना जाता है कि मां की अराधना ऊॅं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है. मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प आदि अर्पित करें और इस दिन दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाने से मां जल्दी प्रसन्न होती है.
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