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धर्म-अध्यात्म
सकट चौथ के दिन इस विधि विधान से करें भगवान श्री गणेश की पूजा
Ritisha Jaiswal
20 Jan 2022 11:58 AM GMT
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हिंदू धर्म में माघ में पड़ने वाली सकट चौथ का बहुत अधिक महत्व होता है।
हिंदू धर्म में माघ में पड़ने वाली सकट चौथ का बहुत अधिक महत्व होता है। वैसे तो हर महीने दो गणेश चतुर्थी आती हैं, लेकिन माघ माह में चतुर्थी को बहुत खास माना गया है। इस साल सकट चौथ 21 जनवरी 2022 को है। इस व्रत को सकट चौथ के अलावा सकंष्टी चतुर्थी और तिलकुट चौथ भी कहा जाता है। इस दिन माताएं दिन भर व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।
व्रत का महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भगवान सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
मुहूर्त-
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 21, 2022 को 08:51 ए एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - जनवरी 22, 2022 को 09:14 ए एम बजे
चन्द्रोदय का समय - 09:00 पी एम
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सकट चौथ व्रत पूजा विधि-
1. सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें।
2. इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
3. गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें।
4. धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें।
5. तिलकूट का बकरा भी कहीं-कहीं बनाया जाता है।
6. पूजन के बाद तिल से बने बकरे की गर्दन घर का कोई सदस्य काटता है।
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सकट व्रत के दिन चंद्रमा को ऐसे दें अर्घ्य-
मान्यता है कि सकट चौथ व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है। अर्घ्य में शहद, रोली, चंदन और रोली मिश्रित दूध से देना चाहिए। कुछ जगहों पर महिलाएं व्रत तोड़ने के बाद सबसे पहले शकरकंद खाती हैं।।
Ritisha Jaiswal
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