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धर्म-अध्यात्म
स्कंद षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय की इस तरह करें पूजा...जाने शुभ मुहूर्त
Subhi
18 March 2021 5:27 AM GMT
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कल यानी 19 मार्च को भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी।
कल यानी 19 मार्च को भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी। खासतौर से दक्षिण भारत में इस तिथि को मनाया जाता है। भक्त स्कंद षष्ठी के दिन भगवान स्कंदको प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं। भगवान स्कंद, शिवजी के बड़े पुत्र कार्तिकेय को कहा जाता है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें तो उसके जीवन की कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। साथ ही संतान के कष्ट भी कम हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था।
दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्यम कहा जाता है। इस दिन तमिलनाडू के मुरुगा के मंदिरों में भव्य उत्सव होता है। भगवान कार्तिकेय का प्रिय फूल चंपा है ऐसे में इस व्रत को चंपा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें पूजा।
स्कंद षष्ठी व्रत विधि:
स्कंद षष्ठी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। इसके बाद घर की सफाई करें और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें।
फिर साफ वस्त्र धारण करें और सबसे पहले ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
फिर पूजा स्थल पर मां गौरी और शिव जी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें।
फिर उन्हें पूजा जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि अर्पित करें और पूजा करें।
आखिरी में भगवान कार्तिकेय की आरती करना न भूलें।
शाम के समय कीर्तन-भजन और पूजा करें। फिर आरती करें। इसके बाद फलाहार करें।
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