धर्म-अध्यात्म

आज करें भगवान कार्तिकेय की इस विधि से पूजा, जीवन की समस्या होगी दूर

Triveni
18 April 2021 2:10 AM GMT
आज करें भगवान कार्तिकेय की इस विधि से पूजा, जीवन की समस्या होगी दूर
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आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|

आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कुमार कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। इन्हें स्कंद भी कहा जाता है। इसी के चलते इस दिन को स्कंद षष्ठी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भगवान कार्तिकेय की पूजा करता है उसके जीवन से सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। साथ ही जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत को दक्षिण भारतीय लोगों द्वारा बेहद धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। आइए पढ़ते हैं स्कंद षष्ठी की पूजा विधि।
स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि:
इस दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। इसके बाद घर की साफ-सफाई कर स्नानादि कर लेना चाहिए। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
स्नानादि के बाद भगवान कार्तिकेय के व्रत का संकल्प करें।
इसके बाद एक पटरी लें और उस पर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। इनके साथ मां गौरी और शिव जी की प्रतिमा भी स्थापित करें।
इसके बाद भगवान का तिलक करें और उनके समक्ष दीप, धूप जलाएं।
फिर उन्हें कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, गाय का घी, दूध, मौसमी फल, फूल आदि चीजें अर्पित करें। लेकिन ध्यान रखें कि शिव जी को हल्दी न चढ़ाएं।
पूजा करने के बाद भगवान की आरती करें। साथ ही भजन-कीर्तन भी करें। भगवान के मंत्रों का भी जाप करें। इससे भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
इसके बाद शाम के समय दोबारा पूजा करें और उसके बाद फलाहार करें।
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