धर्म-अध्यात्म

Akhuratha Sankashti Chaturthi पर इस आरती से करे भगवान गणेश की पूजा

Tara Tandi
18 Dec 2024 1:42 PM GMT
Akhuratha Sankashti Chaturthi पर इस आरती से करे  भगवान गणेश की पूजा
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Akhuratha Sankashti Chaturthi ज्योतिष न्यूज़: डेस्करू सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में आता है यह तिथि गणपति की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न रखने के लिए पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है इस दिन लोग नए कार्य की शुरुआत करते हैं। पंचांग के अनुसार अभी पौष माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी लाभकारी है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान श्री गणेश की असीम कृपा बरसती है साथ ही कष्टों का भी निवारण हो जाता है। पौष माह की संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर दिन बुधवार यानी आज मनाई जा रही है इस दिन गणपति की पूजा अर्चना के समय उनकी आरती और मंत्र का जाप जरूर करें तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान गणेश की आरती और मंत्र।
गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
करें इन मंत्रों का जप
1. ॐ गं गणपतये नमः
2. श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
3. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
4. गणेश गायत्री मंत्र -
ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
5. ऋणहर्ता गणपति मंत्र -
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥
6. गणेश अष्टाक्षर मंत्र -
ॐ गं गणपतये नमः॥
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