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ज्योतिष के अनुसार बुधवार का दिन बुध ग्रह का होता है.
ज्योतिष के अनुसार बुधवार का दिन (Wednesday) बुध ग्रह का होता है. बुध को चातुर्य, तर्कशक्ति और वाकपटुता का कारक ग्रह माना जाता है. साथ ही गणेश जी (Lord Ganesha) को ग्रंथो में बुद्धि और शुभता का देव कहा गया है. प्रत्येक शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का पूजन अनिवार्य होता है. धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की पूजा के बाद करे गए किसी भी कार्य में विघ्न-बाधा नहीं आती है और कार्य में सफलता प्राप्त होती है. हिंदू धर्म में पूजा, नियम, जप, तप और उपवास का बहुत महत्व माना जाता है. यदि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाए तो जीवन की परेशानियों और विघ्न-बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है.
अगर अत्यधिक कर्ज के चलते आप परेशान हैं या लगातार बिजनेस में घाटा हो रहा है या फिर परिवार में नकारात्मकता के कारण कलह की स्थिति रहती है तो बुधवार को भगवान गणेश की पूजा जरूर करें. वहीं अगर आप त्वचा संबंधी रोगों से परेशान हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए बुधवार का व्रत जरूर करना चाहिए. बुधवार के दिन यदि विधि-विधान से श्रद्धा पूर्वक भगवान गणेश के लिए व्रत किया जाए तो इससे बुध ग्रह तो अनुकूल होता ही है साथ ही गणपति बप्पा की कृपा से जीवन की सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं. परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और शुभता का वास होता है. आइए जानते हैं बुधवार को कैसे करें भगवान गणेश की पूजा.
किसी भी माह में शुक्ल पक्ष के बुधवार से भगवान गणेश के लिए व्रत आरंभ कर सकते हैं लेकिन इस व्रत के अधिक शुभफल के लिए जिस दिन विशाखा नक्षत्र हो उस दिन से व्रत आरंभ करना चाहिए. कम से कम 7 बुधवार के व्रत का संकल्प जरूर लें. इससे अधिक आप 21 बुधवार के व्रत पूर्ण करने के बाद उद्यापन कर सकते हैं.
पूजा-विधि
-जिस बुधवार को व्रत आरंभ करना है उस दिन सुबह सूर्योदय के समय उठकर स्नानादि करके जितने व्रत करने हैं उनका संकल्प लें
-घर के मंदिर में गणओअति यंत्र की स्थापना करें और भगवान गणेश का ध्यान करें.
-रोली, अक्षत, दीपक, धूप, दूर्वा आदि से गणेश जी का पूजा करें
-इसके बाद व्रत की कथा पढ़ें और गणेश जी को लड्डू या फिर हलवे का भोग लगाएं.
-पूजा करके आरती करें और अपनी गलतियों की क्षमा प्रार्थना करें.
-भगवान गणेश से कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें और दिनभर फलाहार व्रत रखें.
-बुधवार के व्रत में आप नमक का सेवन न करें.
-शाम को पूजन करें और सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलें.
Tara Tandi
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