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- आज विनायक चतुर्थी पर...
विनायक चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। ये व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश के पूजन से भक्तों के समस्त कष्टों का निवारण होता है और ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का व्रत रखने का विधान है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी 13 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी के उचित मुहूर्त, पूजन विधि तथा महत्व के बारे में।
विनायक चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त
आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी 13 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 13 जुलाई को सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर लग रही है, जो 14 जुलाई को सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। विनायक चतुर्थी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। गणपति पूजा दोपहर में करने का विधान है और इस बार विनायक चतुर्थी पर दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से सिद्धयोग लग रहा है। इस योग में भगवान गणेश का पूजन करने से सभी संकट और बाधाएं समाप्त होंगी।
गणेश पूजा की विधि
विनायक चतुर्थी के दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहन कर पूजा करनी चाहिए। ये भगवान गणेश का प्रिय रंग है। पूजा स्थल पर लाल रंग का आसन बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। घी का दीप जला कर गणेश जी की आरती करें। इसके बाद सिंदूर से भगवान गणेश का तिलक कर उन्हें दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान चढ़ाए। गणेश जी को दूर्वा या दूब अवश्य चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश के मंत्रों का जाप कर पूजन करें तथा पूजन के अंत में आरती करना चाहिए। व्रत का पारण अगले दिन पंचमी की तिथि पर स्नान-दान के साथ करें।