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संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह करें गणेश जी की पूजा...आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आजे के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि अगर इस दिन व्यक्ति भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही सभी बिगड़े काम भी बन जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी तिथि संकटों को दूर करने वाली होती है। मान्यता है कि अगर इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाए व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत गणपति बप्पा को समर्पित है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि:
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। फिर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लेना चाहिए। स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद एक चौकी लें और उसपर साफ पीला कपड़ा बिछाएं। इस पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति और स्थान पर गंगाजल छिड़कें। स्वयं पर भी गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। गणपति बप्पा के समक्ष धूप-दीप और अगरबत्ती आदि जलाएं। फिर उन्हें पीले फूल की माला अर्पित करें। दूर्वा घास भी गणेश जी को अर्पित करें। गणेश जी को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद गणेश चालीसा, गणेश स्तुति का पाठ करें। गणेश जी की आरती भी करें। फिर गणेश जी का जाप करें।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त:
2 जनवरी, शनिवार को सुबह की पूजा का समय प्रात: 5 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक
शाम को पूजा का समय 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 58 मिनट तक