धर्म-अध्यात्म

कालभैरव जयंती के दिन इस विधि-विधान से भगवान भैरव की करें पूजा

Kajal Dubey
25 Nov 2021 2:14 AM GMT
कालभैरव जयंती के दिन इस विधि-विधान से भगवान भैरव की करें पूजा
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कालभैरव को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस साल 27 नवंबर को काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti) मनाई जाएगी. कालभैरव को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है. मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है. वहीं हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) का व्रत भी किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति कालभैरव जयंती के दिन विधि-विधान से उनकी पूजा करता है तो उससे वे प्रसन्न होते हैं. भैरवजी का स्वरुप भयानक माना जाता है लेकिन अपने भक्तों की वे सदैव रक्षा करते हैं. यह भी धार्मिक मान्यता है कि कालभैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों, ऊपरी बाधा और भूत-प्रेत जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

भैरवजी (Bhairav ji)अगर अपने भक्त पर प्रसन्न हो जाएं तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं और अगर वे किसी पर नाराज हो जाएं तो उसका अनिष्ट भी हो सकता है. भैरवजी की पूजा करते वक्त कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह भगवान भैरव की पूजा करें.
इस तरह करें कालभैरव की पूजा
धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति कालभैरव जयंती के दिन उनकी पूजा करता है उससे उस शख्स को भय से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं विधिवत पूजन करने से शत्रु बाधा और ग्रह बाधा से भी राहत मिलती है. इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करना चाहिए. इसके बाद भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. उन्हें काले तिल, उड़द अर्पित करना चाहिए. साथ ही मंत्रों का जाप करते हुए विधिवत पूजा करना चाहिए.
इस दिन बिल्बपत्रों पर सफेद या लाल चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर शिव लिंग पर चढ़ाना भी काफी शुभ होता है. कालभैरव जयंती के दिन भगवान शिव के विधिवत पूजन से भी कालभैरव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं.
कालभैरव जयंती पर करें ये काम
– जिस तरह भगवान शिव का वाहन नंदी को माना जाता है उसी तरह भैरवजी का वाहन कुत्ता माना गया है. कालभैरव जयंती पर काले कुत्ते को मीठी रोटी या गुड़ के पुए खिलाना शुभ माना जाता है.
– इस दिन 'ॐ कालभैरवाय नम:' का जप एवं कालभैरवाष्टक का पाठ करने से ऊपरी बाधाएं, भूत-प्रेत की परेशानी दूर होती है.
– इस दिन किसी भी कालभैरव मंदिर में जाकर गुलाब, गूगल की खुशबूदार अगरबत्ती और चंदन चढ़ाना चाहिए. नींबू की माला भी भैरवजी को चढ़ाना चाहिए.
– इस दिन गरीबों को दान देना काफी शुभ माना जाता है.
इस दिन ना करें ये काम
– कालभैरव जयंती के दिन किसी से भी झूठ न बोलें और किसी को भी धोखा नहीं दें. ऐसा करने से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
– गृहस्थ लोगों को इस दिन कालभैरव के सौम्य स्वरुप बटुक भैरव की पूजा करना चाहिए.
– इस दिन किसी भी पशु से हिंसक व्यवहार नहीं करना चाहिए.
– किसी का बुरा करने के लिए कभी भी कालभैरव की पूजा नहीं करना चाहिए.


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