- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- हरियाली अमावस्या के...
हरियाली अमावस्या के दिन ऐसे करें पूजा- अर्चना, जानें शुभ समय
सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन मास में 8 अगस्त, रविवार को हरियाली अमावस्या है। इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़- पौधों की पूजा करनी चाहिए। पेड़- पौधों की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर में रहना ही सुरक्षित है। नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर, मां गंगा का ध्यान करें और फिर स्नान कर लें।
गुरु कृपा से चमक उठेगी इन राशियों की किस्मत, देखें क्या आप पर भी मेहरबान हैं देवगुरु बृहस्पति
इस दिन ऐसे करें पूजा- अर्चना-
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
पीपल की पूजा का विशेष महत्व
धार्मिक पुराणों के अनुसार पीपल के पेड़े में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस पावन दिन पीपल की पूजा जरूर करें।
तुलसी का पूजन करने से मिलता है शुभ फल
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस पावन दिन मां तुलसी की पूजा भी करें। मां तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन जरूर लगाएं पेड़- पौधे
हरियाली अमावस्या के पावन दिन पेड़- पौधे लगाने का भी विशेष महत्व होता है। इस पावन दिन पेड़- पौधे लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
सावन के शनिवार पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोग जरूर करें ये उपाय
पूजा का शुभ समय-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:21 ए एम से 05:04 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:53 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:40 पी एम से 03:33 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:53 पी एम से 07:17 पी एम
रवि पुष्य योग- 05:46 ए एम से 09:19 ए एम
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:46 ए एम से 09:19 ए एम