धर्म-अध्यात्म

बिना अगरबत्ती-धूपबत्ती अधूरा है पूजा-पाठ, सुगंध का भगवान से बहुत गहरा संबंध जानें कैसे

Tara Tandi
9 Oct 2021 10:31 AM GMT
बिना अगरबत्ती-धूपबत्ती अधूरा है पूजा-पाठ, सुगंध का भगवान से बहुत गहरा संबंध जानें कैसे
x
तकरीबन हर पूजा (Puja) में अगरबत्ती और धूपबत्ती जरूर जलाई जाती हैं.

तकरीबन हर पूजा (Puja) में अगरबत्ती और धूपबत्ती जरूर जलाई जाती हैं. फिर चाहे यह पूजा मंदिर में की जा रही हो या घर में. बिना अगरबत्ती-धूपबत्ती के पूजा अधूरी रहती है. यहां तक कि गृहप्रवेश, उद्घाटन जैसे शुभ कामों में भी अगरबत्ती-धूपबत्ती का उपयोग होता है. लोग पवित्र नदियों के दर्शन करते समय दीपदान करने के साथ-साथ अगरबत्ती (Incense Sticks) लगाकर पूजा जरूर करते हैं. क्‍या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्‍यों किया जाता है.

इसलिए जलाते हैं अगरबत्ती-धूपबत्ती

अगरबत्ती-धूपबत्ती का उपयोग इनकी खुशबू (Fragrance) के कारण किया जाता है. ताकि पूजा-पाठ के दौरान माहौल सुगंधित रहे. माहौल से नकारात्‍मकता खत्‍म हो और उसकी जगह सकारात्‍मकता आए. अगरबत्ती-धूपबत्ती से फैलती सुगंध मन को शांति देती है और बहुत अच्‍छा महसूस कराती है. इससे व्‍यक्ति के मन में भी पवित्रता और शांति आती है. इसी के चलते अगरबत्ती-धूपबत्ती बनाने में कई तरह की जड़ी बूटियों और फूलों से निकले अर्क का इस्‍तेमाल किया जाता है.

माहौल को ऐसी ही पवित्र सुगंध से सराबोर करने के लिए पूजा-आरती में कपूर भी जलाया जाता है. कपूर की सुगंध कई वास्‍तु दोषों को दूर कर देती है.

देवता होते हैं प्रसन्‍न

सबसे अहम बात यह है कि अगरबत्ती-धूपबत्ती जलाने से देवता प्रसन्‍न होते हैं. अलग-अलग देवी-देवताओं को अलग-अलग खुशबू प्रिय हैं, लिहाजा उन्‍हें वैसी खुशबू वाली अगरबत्ती या इत्र चढ़ाए जाते हैं. जैसे- लक्ष्‍मी जी को गुलाब की खुशबू और शंकर जी को केवड़े की खुशबू प्रिय है. इसलिए पूजा-अर्चना करते समय भगवान की प्रिय खुशबू वाली चीजें उपयोग करें, इससे भगवान जल्‍दी प्रसन्‍न होते हैं.

Next Story