धर्म-अध्यात्म

करवा चौथ की इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा.....जानिए चांद दिखने का समय और अन्य खास बातें

Bhumika Sahu
24 Oct 2021 4:58 AM GMT
करवा चौथ की इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा.....जानिए चांद दिखने का समय और अन्य खास बातें
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देशभर में आज करवा चौथ का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में आज करवा चौथ का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। मान्यता है कि आज सच्ची निष्ठा से व्रत किया जाए तो माता पार्वती सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है।

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रती स्त्रियों को चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है। आज के दिन चंद्र दर्शन करना जरूरी होता है। भारत के सभी राज्यों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर उदित होता है। इस समय में ज्यादा फर्क नहीं होता है। चंद्रमा उदित होने के समय में केवल 2-3 मिनट का अंतर होता है। माना जा रहा है कि इस साल व्रती स्त्रियों को चंद्रमा अधिक इंतजार नहीं करवाएंगे। इस साल 08 बजकर 11 मिनट पर देश के लगभग सभी राज्यों में चंद्र दर्शन हो जाएंगे। जानिए करवा चौथ से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी-
पूजा का शुभ मुहूर्त-
24 अक्टूबर शाम को 6 बजकर 55 मिनट से रात्रि 8 बजकर 51 मिनट तक।
पूजन का समय- करवा चौथ पूजन का जानिए अमृत मुहूर्त-
●अमृत मुहूर्त: 10:40 से 12:05 तक कुलदेवता/ कुलदेवी पूजन
●शुभ मुहूर्त: 1:29 से 2:54 तक शिव परिवार पूजन
●सायं: शुभ मुहूर्त- 5:43 से 7:18 तक करवा चौथ कथा पूजन
●अमृत मुहूर्त: 7:18 से 8:54 तक - इंद्र इंद्राणी, चंद्र पूजन
9:15AM- करवा चौथ की इन संदेशों से भेजें बधाई-
1. करवा चौथ का ये त्योहार,
आए और लाए खुशियां हज़ार,
यही है दुआ हमारी,
आप हर बार मनाएं ये त्योहार,
सलामत रहें आप और आपका परिवार।
Happy Karwa Chauth 2021
2. माथे की बिंदिया खनकती रहे,
हाथों में चूड़ियां खनकती रहे,
पैरों की पायल झनकती रहे,
पिया संग प्रेम बेला सजती रहे
करवा चौथ 2021 की बधाई
3. सजधज के बैठे हैं हम यहां,
तू कब तक आएगा पिया,
कब अपने हाथों से पिलाकर पानी,
अपने गले से लगाएगा।
Happy Karwa Chauth 2021
8:25AM- आपके शहर में कब निकलेगा चांद
गुरुग्राम- रात 08 बजकर 08 मिनट पर।
अलीगढ़- रात 08 बजकर 06 मिनट पर।
गोरखपुर- 07 बजकर 47 मिनट पर।
लखनऊ- 07 बजकर 55 मिनट पर।
गाजियाबाद- 08 बजकर 06 मिनट पर।
हरियाणा- 08 बजकर 10 मिनट।
लुधियाना- 08 बजकर 07 मिनट पर।
चंडीगढ़- 08 बजकर 03 मिनट पर।
कानपुर- 08 बजे।
प्रयागराज- 07 बजकर 56 मिनट पर।
इंदौर- 8 बजकर 56 मिनट।
मुरादाबाद- 07 बजकर 58 मिनट पर।
जयपुर- 08 बजकर 17 मिनट पर।
पटना- 07 बजकर 46 मिनट पर।
यमुना नगर (हरियाणा)- 08 बजकर 08 मिनट पर।
दिल्ली- 08 बजकर 08 मिनट
मुंबई- 08 बजकर 47 मिनट
बेंगलुरु- 08बजकर 39 मिनट
आगरा- 08 बजकर 07 मिनट
मेरठ- 08 बजकर 05 मिनट
लखनऊ- 07 बजकर 56 मिनट
गोरखपुर- 07 बजकर 47 मिनट
मथुरा- 08 बजकर 08 मिनट
बरेली- 07 बजकर 59 मिनट
सहारनपुर- 08 बजकर 03 मिनट
रामपुर- 8 बजे
इटावा- 08 बजकर 05 मिनट
फर्रुखाबाद- 08 बजकर 01 मिनट
जौनपुर- 07 बजकर 52 मिनट
कोलकाता- 07 बजकर 36 मिनट
जयपुर- 08 बजकर 17 मिनट
देहरादून- 8 बजे
पटना- 7 बजकर 42 मिनट
7:25 AM- 8 साल बाद करवा चौथ पर विशेष संयोग-
आठ सालों के बाद करवा चौथ पर विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ आ रहा है। चन्द्रमा के साथ प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ रहना अद्भूत योग का निर्माण कर रहा है। साथ ही रविवार का दिन काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।
7:00AM- करवा चौथ के दिन इन बातों का रखें ध्यान-
मान्यता के अनुसार करवाचौथ के दिन सुई-धागे का इस्तेमाल वर्जित है। इस दिन कैंची का इस्तेमाल भी अशुभ माना जाता है। इस दिन कैंची को कहीं छिपाकर रख दें ताकि आपकी नज़र भी इस पर ना पड़े। सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी और सिंदूर आदि कूड़े में न फेंके। करवाचौथ के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर पूजा के लिए तैयार होते समय चूड़ियां टूट जाएं तो उन्हें कचरे में न फेंके। सुहाग की चीज़ों को बहते जल में प्रवाहित कर दें और अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करें।
6.30AM- करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त-
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 24 अक्टूबर सुबह 3 बजकर 1 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर
6.28 AM- करवा चौथ पूजा- सामग्री- चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि।



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