धर्म-अध्यात्म

कालसर्प दोष मुक्ति के लिए करें मंदिर में पूजा

Tara Tandi
1 Aug 2022 6:17 AM GMT
कालसर्प दोष मुक्ति के लिए करें मंदिर में पूजा
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कुंडली में काल सर्प दोष होने पर जातक को कई तरह के उपाय करने पड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर ऐसा भी है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुंडली में काल सर्प दोष होने पर जातक को कई तरह के उपाय करने पड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर नागपंचमी के दिन दर्शन मात्र से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

कहां स्थित है नागराज वासुकी मंदिर-
कालसर्प दोष दूर करने वाला मंदिर नागराज वासुकी है। यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दारागंज मोहल्ले के उत्तरी छोर में स्थित है। यहां नागराज वासुकी मंदिर के देवता के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर में नागराज के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
कालसर्प दोष मुक्ति के लिए मंदिर में पूजा-
मंदिर के पुजारियों की मानें तो वासुकी मंदिर में भक्त को पूजा का सामान खुद लेकर आना चाहिए। कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा की विधि भी बताई जाती है। सबसे पहले प्रयाग के संगम में स्नान करना चाहिए। फिर वासुकी नाग मंदिर में मटर, चना, फूल, माला और दूध के साथ जाएं। इसके बाद वासुकी नाग के दर्शन करने के बाद उन्हें पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद कालसर्प दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें।
पुराणों में भी है जिक्र-
पुराणों के अनुसार, मां गंगा स्वर्ग से जब पृथ्वी लोक होते हुए पाताल लोक चली गईं। वहां उनकी धारा नागराज वासुकी के फन पर गिरी। इससे ही इस स्थान पर भोगवती तीर्थ का निर्माण हुआ। इसके बाद नागराज वासुकी और शेष भगवान पाताल लोक से वेणी वाधव के दर्शन के लिए प्रयाग गए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब वह प्रयाग गए तो भोगवती तीर्थ भी प्रयाग आ गया। यही कारण है कि इस स्थान को नागराज वासुकी के साथ भोगवती तीर्थ का वास भी माना जाता है। यहां मंदिर से पूर्वी की ओर गंगा के पश्चिमी हिस्से में भोगवती तीर्थ है। बारिश के मौसम में जब गंगा में बाढ़ आती है तो इसका जल मंदिर की सीढ़ियों तक आ जाता है। कहा जाता है कि उस समय जो भक्त वहां स्नान करता है, उसे भोगवती तीर्थ के बराबर पुण्य फल मिलता है।
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