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- बसंत पंचमी के दिन...
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का अवतरण दिवस मानाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती के पूजन का विधान है। बसंत पंचमी का त्योहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से शीत ऋतु की समाप्ति और बसंत ऋतु की शुरूआत होती है। बसंत पंचमी के काम देव का भी पूजन किया जाता है। इस साल पंचमी की तिथि 05 फरवरी को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल बसंत पंचमी के दिन विशिष्ट संयोग का निर्माण हो रहा है। इस योग में मां सरस्वती का पूजन करना शिक्षा क्षेत्र में सफलता का दायक होगा।आईए जानते हैं बसंत पंचमी पर बन रहे हैं कौने से विशिष्ट संयोग...
बसंत पंचमी के विशिष्ट संयोग
बसंत पंचमी का त्योहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग गणना के अनुसार पंचमी की तिथि 05 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से शुरु हो कर अगले दिन 06 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस कारण बसंत पंचमी का पर्व 05 फरवरी को ही मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस दिन विशिष्ट संयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सूर्य और बुध ग्रह मकर राशि में एक साथ विद्यमान होगें। जिस कारण बुद्धादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ इस दिन सभी नव ग्रह चार राशियों में ही रहेंगे, जो कि केदार योग का भी निर्माण हो रहा है।
विशिष्ट योग का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त –
ज्योतिषाशास्त्र में बुद्धादित्य और केदार योग को बहुत विशिष्ट और शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन बुद्धादित्य योग का संयोग और भी लाभ प्रद हो जाता है। क्योंकि बुध ग्रह को वाणी,संचार और बुद्धि कौशल का ग्रह माना जाता है। बसंत पंचमी पर ज्ञान, कला और बुद्धि की देवी मां सरस्वती का पूजन इस योग में करना सफलता का प्रदाता है। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 43 मिनट से दिन में 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।