- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- हरियाली अमावस्या के...
हरियाली अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में करें आराधना, जानें महत्व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का महीना धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मास है। इस कारण इस माह में आने वाले त्योहार भी खास होते हैं। इसी महीने कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार को है। सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहते हैं। हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष तिथि के रूप में देख जाता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंडदान एवं दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। हरियाली अमावस्या पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है। इस दिन नए पौधे लगाए जाते हैं। मान्यता है कि श्रावणी अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने से जीवन के सारे कष्ट दोष दूर हो जाते हैं और सुख-समद्धि का आगमन होता है। यह तिथि किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन किसान अपने खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और ईश्वर से अच्छी फसल होने की कामना करते हैं।
हरियाली अमावस्या का मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अगस्त 07, 2021 को शाम 07:11 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - अगस्त 08, 2021 को शाम 07:19 बजे
हरियाली अमावस्या पूजा विधि
इस दिन गंगा जल से स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। श्रावणी अमावस्या का उपवास करें एवं किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें। श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल और तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण करें। किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं। अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
हरियाली अमावस्या का महत्व
सावन मास में वर्षा के कारण चारो तरफ हरियाली छा जाती है। श्रावण अमावस्या पर पेड़-पौधों को नया जीवन मिलता है और इनकी वजह से ही मानव जीवन सुरक्षित रहता है, इसलिए प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी हरियाली अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है। शास्त्रों पुराणों में कहा गया है कि इस दिन वृक्षा रोपड़ करने से पितृ दोष, ग्रह दोष समाप्त होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। हरियाली अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, बेल, नीम, आमा, आंवला आदि के पेड़ लगाने चाहिए।