धर्म-अध्यात्म

प्रदोष व्रत के दौरान इस तरह करें भोलेशंकर की पूजा, ...आप पर होगी विशेष कृपा

Subhi
26 March 2021 3:30 AM GMT
प्रदोष व्रत के दौरान इस तरह करें भोलेशंकर की पूजा, ...आप पर होगी विशेष कृपा
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मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत आज है। यह व्रत होलिका दहन और होली से पहले पड़ रहा है।

मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत आज है। यह व्रत होलिका दहन और होली से पहले पड़ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन विधि विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्तों की भक्ति को देख भोलेशंकर प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी विशेष कृपा उनपर बनाए रखते हैं। दिन के अनुसार ही प्रदोष व्रत का नाम होता है। ऐसे में इस व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। पढ़ते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

प्रदोष व्रत पर इस तरह करें पूजा:
इस दिन प्रदोष काल में पूजा की जानी चाहिए। यह काल सूर्यास्त के बाद आता है।
इस दिन शिव मंदिर जाना चाहिए। यहां पर शिवजी का जलाभिषेक करना चाहिए। साथ ही व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
फिर शिवजी को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। उन्हें बेलपत्र, धूप, दीप नैवेद्य आदि सामग्री अर्पित करें।
फिर शिवजी की आरती करें और चालीसा का भी पाठ करें। शिवजी के मंत्रों का भी जाप करें।
इस पूरे दिन फलाहार करना चाहिए। या फिर बिना कुछ खाए भी आप यह व्रत कर सकते हैं। व्रत खत्म होने के बाद भोजन ग्रहण करें।
प्रदोष व्रत की सामग्री:
इस दौरान पांच प्रकार के फल, घी, दही, शक्कर, गुड़, गन्ने का रस, शहद, गाय का दूध, चंदन अक्षत, बेलपत्र, गुलाल, अबीर, जनेऊ, धतूरा, कपूर, कलावा, अगरबत्ती, दीपक समेत अन्य सामग्रियां शिवजी को चढ़ाई जाती हैं।


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