धर्म-अध्यात्म

इस 'सोमवती अमावस्या' पर करें पितरों की पूजा, नहीं होगी घर में कोई भी समस्या

Triveni
9 Jan 2021 12:52 PM GMT
इस सोमवती अमावस्या पर करें पितरों की पूजा, नहीं होगी घर में कोई भी समस्या
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हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 अमावस्या होती है. हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि इस दिन अगर पूजा और व्रत किया जाए

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 अमावस्या होती है. हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि इस दिन अगर पूजा और व्रत किया जाए तो इससे कई गुना पुण्य और लाभ प्राप्त होता है. विशेष प्रकार की पूजा के लिए अमावस्या की तिथि को सबसे उत्तम माना गया है. अमावस्या के दिन पितरों की पूजा की जाती है.

ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें इस दिन पूजा अवश्य करनी चाहिए. कहा जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से पितर बेहद प्रसन्न होते हैं और वो अपना आशीर्वाद आपको देते हैं. उनके आशीर्वाद से आपका दांपत्य जीवन, धन, नौकरी और व्यापार संबंधी समस्याएं पल भर में ही दूर हो जाती हैं.
कब है सोमवती अमावस्या?
सोमवती अमावस्या इस बार 12 अप्रैल 2021 को है. इसे चैत्र अमावस्या भी कहते हैं. ज्योतिषीय गणना के अनुसार साल 2021 में सोमवती अमावस्या का पर्व पड़ रहा है. पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान-दान का विशेष महत्व बतलाया गया है. इस दिन पितरों की पूजा करने से वो बहुत प्रसन्न होते हैं.
सोमवती अमावस्या पर न करें ये कार्य
सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए. अमावस्या के दिन किसी का अनादर न करें. जानवरों की जितनी हो सके सेवा करें. अपने क्रोध को वश में रखें, उन्हें बढ़ने न दें. अपनी वाणी में इस दिन मधुरता रखें.
सोमवती अमावस्या पर पितरों को करें प्रसन्न
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस दिन का पितरों से बहुत ही गहरा संबंध है. आपके पितर जब आपसे नाराज हो जाते हैं, तो आपके जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी होनी शुरू हो जाती हैं. नौकरी में बाधा, व्यापार में नुकसान, घर में कलह, घर के बड़ों के सम्मान में कमी, दांपत्य जीवन में समस्या, ये सब आपके जीवन में आ सकती है अगर आपके पितर आपसे नाराज हैं. इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पितरों की पूजा को उत्तम माना गया है.


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