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धर्म-अध्यात्म
'कार्तिक शिवरात्रि' को बन रहे अद्भुत संयोग, ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा
Rani Sahu
18 Oct 2022 3:29 PM GMT

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सनातन धर्म में कार्तिक मास को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस वर्ष कार्तिक मास की 'मासिक शिवरात्रि' (Masik Shivratri) 23 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन धनतेरस पर्व होने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और परिवार के सभी समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानें कार्तिक शिवरात्रि का मुहूर्त और महत्व –
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम 6:03 से प्रारंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 24 अक्टूबर को शाम 5:27 पर होगा। मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि के समय पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है। उदया तिथि 23 अक्टूबर को होने के कारण इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार पूजा मुहूर्त 23 अक्टूबर को रात 11:30 से 24 अक्टूबर प्रातः 12:37 तक रहेगा।
महिमा
शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक मास भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है। इसलिए इस मास में भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और विष्णु एक दूसरे के अंतरात्मा हैं। इसलिए मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी उपासना जरूर करें। संध्या काल में तुलसी के सामने दीपक जलाएं और 11 बार 'आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।' इस मंत्र का जाप करें।
फिर, रात्रि के प्रहर में शिव शंभू संग माता पार्वती की आराधना करें। इस दिन भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने पर सुख, संपत्ति, वैभव, धन, कीर्ति में वृद्धि होती है। दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और श्रीहरि की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
सोर्स - नवभारत.कॉम

Rani Sahu
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