धर्म-अध्यात्म

सोम प्रदोष व्रत पर बन रहा है अद्भुत संयोग इस तरह पूजा करे मिलेगा लाभ

Teja
11 Feb 2022 1:33 PM GMT
सोम प्रदोष व्रत पर बन रहा है अद्भुत संयोग इस तरह पूजा करे मिलेगा लाभ
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दोष व्रत माह में दो बार किया जाता है. प्रदोष व्रत को शास्त्रों में सुख प्रदान करने वाला माना गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रदोष व्रत माह में दो बार किया जाता है. प्रदोष व्रत को शास्त्रों में सुख प्रदान करने वाला माना गया है. माघ मास का शुक्ल प्रदोष व्रत 14 फरवरी, सोमवार के दिन है. सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. सोम प्रदोष व्रत करने से चंद्रमा का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन भगवान शिव की उपासना से मनुष्य की सारी मनोकामना पूरी होती है. पंचांग के मुताबिक इस बार सोम प्रदोष व्रत पर 3 शुभ योग का अद्भुत संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं इस बारे में.

सोम प्रदोष व्रत पर बन रहा है अद्भुत संयोग
पंचांग के मुताबिक 14 फरवरी, सोमवार के दिन सर्वार्थसिद्धि योग, रवि योग और आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन त्रयोदशी तिथि सर्वार्थसिद्धि योग में सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी जो कि अगले दिन सुबह 7 बजे तक रहेगी. इसके अलावा रवि योग भी इस दिन 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा, जो सर्वार्थसिद्धि योग के समय तक रहेगा. वहीं इस दिन आयुष्मान योग रात्रि 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा.
सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
शास्त्रों के मुताबिक किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा-अर्चना सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद तक की जाती है. ऐसे में प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सुबह स्नान करके लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करें. तांबे या चांदी के लोटे से शिवलिंग पर शुद्ध शहद अर्पित करें. इसके बाद शुद्ध जल से शिवलिंग पर जल से अभिषेक करें. साथ ही साथ 'ओम् सर्वसिद्धि प्रदाये नमः' इस मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.


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